थराली से हरेंद्र बिष्ट।
आखिर पिंडर घाटी के एक लाख से अधिक आबादी को कब तक मिल पाएगी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं। राज्य बनने के 23 सालों के बाद भी कोई भी राजनेता इस प्रश्न का उत्तर नही दे पा रहा है। उत्तर दे भी तो कैसे? जब इस घाटी का एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में विगत कई महिनों से कई रोगों के उपचार की प्रारंभिक जांच के लिए स्थापित एक्सरे मशीन ही बन्द पड़ी हो और यहां के निवासियों को कई.कई किमी दूर कर्णप्रयाग, बैजनाथ सहित अन्य जगहों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हो।
जी हां पिंडर घाटी के तीन विकासखंडों नारायणबगड़, थराली एवं देवाल के मध्य में थराली में ढाई दशक पूर्व क्षेत्र की एक लाख से अधिक की आबादी के लिए एक सीएचसी की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद से आजतक भी इस चिकित्सालय से आम जनता को किसी भी तरह से अपेक्षित लाभ नहीं मिल सका है। वर्तमान में इस अस्पताल में चिकित्सकों के 10 पद भरे हुए हैं, हालांकि इनमें अब भी विशेषज्ञों का टोटा बना हुआ है। इसके अलावा यहां पर स्टाफ नर्सों, वार्ड बॉयों की भारी कमी बनी हुई है। इस सबके बीच तमाम रोगों के लिए जरूरी एक्सरे मशीन पिछले लंबे समय से खराब चल रही है। जिसके कारण डाक्टरों को मजबूरन चोट लगे रोगियों सहित अन्य बिमारियों के लिए एक्सरे रिपोर्ट की जरूरत पड़ने पर उन्हें रेफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
राजनेता एवं उच्चाधिकारी पिछले लंबे समय से खराब पड़ी एक्सरे मशीन को ठीक करने का आश्वासन तो दें रहें हैं किन्तु आज तक एक अदद मशीन के ठीक नही होने पर लोगों में सरकार के खिलाफ रोष पनपने लगा हैं।
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थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा से पूछे जाने पर उनका कहना है कि अस्पताल में जनहित और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए वे प्रयासरत हैं। जल्द ही अस्पताल में एक्सरे मशीन को ठीक करवाने के साथ ही यहां पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया कराने के लिए वे खुद शासन स्तर पर पैरवी कर चुके हैं। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। और क्षेत्रीय जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो पाएगी।