दिनेश चंद्र पांडेय, चम्पावत : 3 जून को चम्पावत उपचुनाव परिणाम के बाद धामी की जीत का नया इतिहास बनने जा रहा है।। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब तक सीएम को लेकर हो रहे उपचुनाव में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के जीत का रिकार्ड टूटना तय है। 31 मई को मतदान के रुझान के बाद यह तय है कि पुष्कर पचास हजार की जीत के आसपास रहेंगे। जबकि कांग्रेस का जमानत बचाना दुष्कर होगा।
पूर्वानुमान है कि 61596 की ईवीएम और 2022 की पोस्टल सहित कुल 63617 की वोटिंग में भाजपा को 55 से 56 हजार, कांग्रेस को 5 से 6 हजार और नोटा, सपा व निर्दलीय तीनों को एक हजार से लेकर पंद्रह सौ तक वोट मिल सकते है।
मालुम हो कि फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की 47 सीटें आने के बाद भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी खटीमा से चुनाव नहीं जीत पाए। बाबजूद इसके हाई कमान ने उन्हें दुबारा सीएम बना दिया। इसके लिए उन्हें विधायक बनना जरुरी था तो चम्पावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी के अनुरोध और क्षेत्रीय जनता की भावनाओं को भांपते हुए धामी ने चम्पावत से चुनाव लडने की सहमति दे दी और गहतोड़ी के इस्तीफा देने के बाद यह उपचुनाव हुआ।
31 मई को यहाँ के 151 बूथों में 64 फीसदी चुनाव हुआ। जिसमें 96213 मतदाताओं में से 61595 ने मताधिकार का उपयोग किया। हांलांकि भाजपा शुरुआत से ही संगठन और सरकार के दम पर प्रचार में बढत पर रही। कांग्रेस ने अपनी प्रत्याशी को एक तरह अकेला सा छोड़ दिया। यह बात स्वयं प्रत्याशी रही निर्मला गहतोड़ी ने स्वीकार किया है। जिस कारण धामी की जीत एकतरफा लग रही थी।
लेकिन भाजपा के तमाम प्रयास के बाद भी फरवरी 2022 के चुनाव की तुलना मत प्रतिशत कम होने को लेकर भी तमाम सवाल तो खड़े हो रहे है। जबकि इस बार दागी बागी और कांग्रेस से आए दल बदलू भी भाजपा के साथ थे। राजनिति के जानकार बताते है कि धामी की इस सुनामी में जहां कुछ लोगों ने रात दिन मेहनत की वहीं कुछ लोग सीएम के साथ सेल्फी फोटो सेशन और चेहरा दिखाने,अखबारों में किसी तरह नाम छप जाने की जुगाड़ में रहे। क्योंकि उनका मालुम था कि धामी जीत तो रहे ही है। हांलांकि मतदान कम होने का एक कारण बारिश और कई कांग्रेसियो के मतदान न करने से भी जोड़ा जा रहा है।
इधर प्रशासन ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। जिलाधिकारी नरेंद्र भंडारी ने बताया कि वन पंचायत भवन में तीन जून को सुबह आठ बजे से 12 टेबलों में 13 राउंड में मतगणना होगी और परिणाम धोषित कर दिया जाएगा।
बहरहाल 3 जून को परिणाम से वोट के अंतर का खुलासा हो जाएगा और चम्पावत में सियासत का नया अध्याय शुरु होगा।