उत्तराखंड में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा विवाद को लेकर हो रहे विरोध के बीच अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा रद्द करने से साफ इनकार कर दिया है। आयोग ने दावा किया कि भर्ती परीक्षा में न तो पेपर लीक हुआ और न ही घोटाला। यह एक नकल का मामला है, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है।रविवार को आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए आयोग की वेबसाइट के माध्यम से उम्मीदवारों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में चयन आयोग का गठन हुआ था।
वर्ष 2015 से आयोग ने भर्ती परीक्षाएं शुरू कीं। अब तक 66 भर्ती परीक्षाएं हो चुकी हैं। पहली बार फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में परीक्षा रूम में मोबाइल और ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली है। एसआईटी और साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
सीमित संसाधनों के बाद भी आयोग पारदर्शिता के साथ भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग आने वाले समय में ऑनलाइन भर्ती परीक्षाएं कराने की तैयारी कर रहा है। इससे परीक्षाओं में सामने आ रहीं गड़बड़ियों को समाप्त किया जा सकेगा। ऑफलाइन परीक्षाओं में जैमर का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। इससे परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ डिवाइस काम नहीं कर पाएगा। मार्च 2017 के बाद से अब तक चयन आयोग ने 63 भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर पांच हजार से अधिक पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की है। जबकि वर्ष 2015 से 2017 तक मात्र तीन परीक्षाओं में 600 पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया गया था।












