थराली से हरेंद्र बिष्ट।
थराली के पूर्व विधायक डॉ जीत राम ने भाजपा सरकार को विकास विरोधी बताते हुए कहा कि उसके सवा चार साल के कार्यकाल में थराली विधानसभा क्षेत्र के साथ ही पूरे राज्य में विकास की गति विधियां ठप हो गई हैं। उन्होंने वर्तमान विधायक पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि वें केवल अपने निजी हितों को साधने की कोशिशों में लगे हुए हैं। बाकी उन्होंने आम जनता के दुःख दर्दों से कुछ भी लेना-देना नही हैं।
पूर्व विधायक डॉ जीत राम ने कुलसारी के एक लाॅज में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि उनके विधायक रहते 2016 तक थराली विधानसभा क्षेत्र में 60 से अधिक मोटर सड़कों के साथ ही आधे दर्जन से अधिक बड़े झूला पुलों एवं मोटर पुलों के निर्माण के शासनादेश जारी हुए थे। जिनमें से अधिकांश पर आज तक भी कार्य शुरू नही हो पाया हैं। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।इसके साथ उनके प्रयासों से कुलसारी में स्थापित पालीटेक्निक कालेज अनदेखी के कारण अव्यवस्थित हो कर रह गया हैं।
अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही नारायणबगड़ में विद्युत विभाग का,थराली में सिंचाई विभाग का डिवीजन स्थापित करने के साथ ही अस्थाई खंड लोनिवि थराली को निर्माण खंड में तब्दील किए जाने में उन्हें सफलता मिली थी। इसके अलावा नारायणबगड़, घाट एवं देवाल को तहसील बनाने के साथ ही थराली को नगर पंचायत बनाने में भी वें सफल रहे किंतु सवा चार साल गुजर जाने के बाद भी इन को सही तरीके से धरातल पर नही उतारा जा सका हैं। जोकि वर्तमान जन प्रतिनिधियों की असफलताओं को प्रर्दशित करता है।
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में तेजी के साथ बहुप्रतीक्षित थराली-घाट, वांण-सुतोल सहित तमाम अन्य महत्वपूर्ण मोटर सड़कों पर कार्य आगे बढ़ रहे थे किन्तु उनके हटते ही इन पर धेले भर तक का कार्य आगे नही बढ़ पाया हैं। डॉ ने कहा कि वर्तमान में जबकि राज्य में भाजपा सरकार हैं। और थराल विधानसभा क्षेत्र से भी सत्तारूढ़ पार्टी की ही विधायक हैं, बावजूद इसके विधानसभा क्षेत्र विकास की दृष्टि में लगातार पिछड़ता जा रहा हैं। जोकि दुर्भाग्य पूर्ण हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वें आज भी विधायक निधि में जमकर कमीशनबाजी के आरोप पर कायम हैं। यही नही उन्होंने कोविड़ काल के दौरान पिछले महिनों खरीदें गए तमाम स्वास्थ्य उपकरणों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाते हुए जांच की आवश्यकता पर बल दिया हैं। पूर्व विधायक ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब-तब उसके मंत्री एवं विधायक नौकरशाही पर बेलगाम होने का खुला आरोप लगाते आ रहें हैं जोकि बेहद गंभीर मामला है।
कहा कि या तो मंत्री, विधायक एवं अन्य भाजपा नेता आफिसर्सों से गलत काम करवाना चहाते हैं अथवा उन्हें काम करवाने के तरीकों का आज तक भी पता ही नही चल पाया हैं। जिस पर वें अनाप-शनाप बयानबाजी करने में लगे हैं। इससे तमाम जनहित से जुड़े कार्य पूरे प्रदेश में प्रभावित हो रहें हैं। पूर्व विधायक ने कोरोना से निपटने में सरकार के नाकाम साबित होने की बात कहते हुए कहा कि इस पहाड़ी राज्य में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में लोगों को दर-दर भटकने पर मजबू होना पड़ रहा हैं। इसके अलावा महामारी के कारण घरों को लौटे प्रवासियों को रोजगार की बेहतरीन व्यवस्था मुहैया ना करवा पाने के कारण उन्हें पुनः प्रवासी बनने पर मजबूर करने का डाक्टर ने आरोप लगाया।
एक अन्य प्रश्न के जबाव में पूर्व विधायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन्हें निकट भविष्य में जो भी जिम्मेदारी सौपेगी उसे निभाने के लिए वें पूरी तरह से तैयार हैं।कहा कि 2017 के थराली उप चुनाव में ऐसी परिस्थिति में जबकि एक ओर पूरी राज्य सरकार, उसके मंत्रियों,से लेकर विधायक तक विधानसभा क्षेत्र के गांवों-गांव में जा कर मतदाताओं को लुभाने में लगें हुए थे और दूसरी ओर संसाधनों के अभाव में वें चुनाव लड़ रहे थे, बावजूद इसके करीब 1950 के मामूली वोटों के अंतराल से उनका चुनाव हारना प्रदर्शित करता है कि आम जनता उनके पिछले कार्यों से काफी हदतक संतुष्ट थी।कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वें जनसेवा के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के पद से बीराएस लेने से नही चुकेंगे ताकि जन-सेवा में किसी तरह की कमी ना रह सकें।












