प्रेस विज्ञप्ति 113वाँ दिवस प्रकाशनार्थ जारी
| सभी मुकदमे वापस लेने के लिए गैरसैंण में किया प्रदर्शन| देहरादून में संघर्ष स्थल से भी उठाई आवाज|
देहरादून 07 जनवरी 2019| आज दिनांक 07 जनवरी 2019 को गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का धरना 113वाँ दिवस में प्रवेश कर गया| | गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने आज देहरादून स्थित संघर्ष स्थल से व गैरसैंण में संयुक्त संगठनों के साथ मिलकर गैरसैण के लिए लड़ रहे आंदोलनकारियों पर लगाए गए मुकदमों पर कडी प्रतिक्रिया जाहिर की है| आज गैरसैंण में जहाँ गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के नेतृत्व में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, गैरसैण स्थाई राजधानी संघर्ष समिति, उत्तराखंड बेरोजगार संघ और गैरसैंण युवा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने को लेकर प्रदर्शन व ज्ञापन दिया गया| इधर गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने संघर्ष स्थल पर जारी धरना से बयान जारी कर कहा है कि उत्तराखंड हिमालय के नागरिकों के हितों, हकों व हकूकों के लिए संघर्षरत लोग प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने को लेकर अभियान छेड़ा हुआ है। जिससे समूचे उत्तराखंड में स्थाई राजधानी के प्रति एक अलख जग चुकी है। बयान में कथन है कि हमारा अभियान विशुद्द उत्तराखंड के हित में व लोकतांत्रिक ढ़ंग से चलया जा रहा आंदोलन है। और इस आंदोलन के माध्यम से हम एक व्यवस्था सुधारीकरण की बड़ी लडाई लड़ रहे हैं। यह उत्तराखंड के लिए इसलिए हितकर है क्योंकि जहॉं का नागरिक जागरुक हो, वहॉं विकास भी त्वरित पैदा होता है। बयान में कहा गया है कि परंतु इस अभियान के दौरान कई आंदोलनकारियों पर गम्भीर मुकदमे थोपे गए हैं। यह उत्पीड़न करने की मंशा से लगाए गए मुकदमे हैं। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने मांग की है कि गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई व पूर्णकालिक राजधानी बनाकर व्यवस्था की जिस बड़ी भूल सुधार को सरकार को स्वयं करना चाहिए था, यदि उसके लिए स्वयं नागरिक खड़े हो जाएं तो उनपर मुकदमों का कोई औचित्य नहीं रहता है। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान कथन करती है कि सरकार को गैरसैंण के आंदोलनकारियों की नेक भावनाओं और नेक नियति को समझना चाहिए व आवश्यक सम्मान देना चाहिए। और अविलंब सभी गैरसैंण आंदोलनकारियों पर मुकदमे वापस लेने की कारवाई करनी चाहिए| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का यह भी कथन है कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा समूह ग को लेकर छेड़ा गया आंदोलन भी राज्य के युवाओं के हित का है। सरकार के खामी भरे शासनादेश कोर्ट में नहीं टिक पाने के कारण और सरकार से मोटी-मोटी रकम पाने वाले नियुक्त अधिवक्तागण द्वारा न्यायलयों में सही पैरोकारी नहीं कर पाने के कारण उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान कथन करती है कि समूह ग में स्थानीय नागरिकों को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए। इसके लिए *प्रदेश के भीतर समूह ग के पदों की भर्ती हेतु प्रदेश के पंजीकरण कार्यालयों में
पंजीकरण की अनिवार्यता बनी रहनी चाहिए।* अतः गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान मांग करते हैं कि सरकार समूह ग में प्रदेश के युवाओं के हित को सुरक्षित करने के लिए अविलम्ब Ordinance लाए और आने वाले सत्र में तत्संबंधी एक्ट बनाए|
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान आंदोलन के अभियानकर्मी आज 117 वाँ दिवस पर जस का तस डटे रहे| आज धरना पर बैठने और समर्थन देने वालों में अभियान के मुख्य संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, आरटीआई लोक सेवा के अध्यक्ष व अभियान के प्रमुख रणनीतिकार मनोज ध्यानी, डीएवी महाविद्दालय के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल, आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, युवा आह्वान के अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र गौड़ व अंकित बिष्ट, उत्तराखंड गढ़ परिषद के अध्यक्ष नीरज गौड़, उत्तराखंड सेवानिवृत्त चिकित्सा संघ के अध्यक्ष विजय सिंह रावत, मनोज कुमार बडोला, लोकतांत्रिक विकास पार्टी के अध्यक्ष आनंद प्रकाश जुयाल, पूर्व पार्षद रविन्द्र प्रधान, उत्तराखंड अगेंस्ट करप्शन के उदवीर सिंह पंवार, रंजीत चन्द्र, कृष्ण काँत कुनियाल, आर्यव्रत फाउंडेशन के अध्यक्ष हर्ष प्रसाद मैंदोली, महेश रावत, शुभम मिंगवाल, महेन्द्र भंडारी, अभिषेक सिंह, प्रभात उनियाल, बलवंत सिंह नेगी आदि सम्मिलित थे|