देहरादून : आप नेता कर्नल कोठियाल ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, बीजेपी सरकार देवस्थानम बोर्ड पर सियासत कर रही है उसे सियासत छोडकर इस बोर्ड को तुरंत भंग करना। उन्होंने कहा कि बीजेपी बोर्ड के नाम पर तीर्थ पुरोहितों के साथ साथ प्रदेश की जनता को भी भ्रमित कर रही है,ऐसा लगता है कि इस सरकार की मंशा बोर्ड को भंग करने की बिल्कुल नहीं है।
सरकार बोर्ड भंग करने के नाम पर कभी पुनर्विचार,कभी कमेटी गठित करने तो कभी आपसी सहमति की बात कह कर तीर्थ पुरोहितों को गुमराह कर रही है। बीजेपी देवस्थानम बोर्ड बनाकर हजारों सालों से चली आ रही सांस्कृतिक परंपराओं पर कानूनी चाबुक चलाना चाहती है। उन्होंने ये भी कहा कि, जहां बीजेपी विपक्ष में है ,वहां बीजेपी ऐसे बोर्ड का विरोध करती है ,जबकि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां पर चार धामों के साथ सैकडों देवी देवताओं के मंदिरों के साथ ऐसे ,अन्य कई पवित्र स्थान हैं जिनका वर्णन इतिहास में भी है। यहां इसके पक्ष में खड़ी है और तीर्थ पुरोहितों के हकों के साथ खिलवाड़ कर रही है।
कर्नल कोठियाल ने कहा,बोर्ड बनाकर ना सिर्फ इन मंदिरों के तीर्थ पुरोहितों का हक छिन जाएगा बल्कि धर्म पर भी कानूनी शिंकजा कस जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि देवभूमि में लाखों लोग हर साल अलग अलग मंदिरों के दर्शनों को आते हैं ,लेकिन बोर्ड के गठन से उनको ऐसा अनुभव प्राप्त नहीं हो पाएगा जो अनुभव बिना देवस्थानम बोर्ड के होता था।
कर्नल कोठियाल ने कहा कि ये देवस्थानम बोर्ड जबरन बनाया हुआ बोर्ड है ,जिसपर किसी भी तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज से जुडे लोगों की सलाह नहीं ली गई, केदारनाथ धाम में अभी भी तीर्थ पुरोहित बोर्ड भंग करने के निए प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस बोर्ड को भंग नहीं किया है।
सरकार सेम मुखेम को प्रदेश का छठा धाम बनाने पर विचार कर रही है लेकिन जो पहले से ही धाम प्रदेश में स्थित हैं उनके तीर्थ पुरोहितों के हक पर सरकार ने बोर्ड गठित कर डाका डालने का काम किया है। ये सरकार जनता को गुमराह कर रही है ।
इसलिए आप मांग करती है कि इस बोर्ड को सरकार तुंरत भंग करे और इस बोर्ड को भंग करने के लिए जल्द एक अघ्यादेश लाया जाए ,ताकि तीर्थ पुरोहितों के हक पर डाका ना पड सके और समस्त चिन्हित मंदिरों से कानूनी बंदिश हट सके। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि, आप पार्टी की सरकार बनते ही देवस्थानम बोर्ड को समाप्त किया जाएगा।
आप पार्टी ये मांग करती है कि इस बोर्ड पर सरकार अब ज्यादा हीवाहवाली ना करे और तुंरत इस बोर्ड को सिरे से खारिज करते हुए भंग करे।