कमल बिष्ट।कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की भूमि बनी खननकारियों का अड्डा।कोटद्वार। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने एक पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कोविड-19 के चलते हुई मौत पर सरकार को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि, राज्य व केन्द्र सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित किया है तथा महामारी भी आपदा की श्रेणी में ही आती है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, जब आपदा में मुआवजा देने का प्राविधान है तो कोरोना महामारी से हुई मौतों पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य और केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों के लिए राज्य व केन्द्र सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है।
उन्होने कहा कि, देश के वैज्ञानिकों तथा मेडिकल फील्ड से जुड़े जानकारों ने पहले ही कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी जारी कर दी थी, इसके बावजूद भी सरकार ने कोई तैयारियां नहीं की। उन्होंने कहा कि, ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतें बहुत ही दुःखदायी थी, अगर समय रहते तैयारियां की गयी होती तो कई जिन्दगीयों बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि, वर्ष 2012-13 में उनके स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए विश्व बैंक से 950 करोड़ रूपये स्वीकृत हुआ था। जिससे सारे मेडिकल सम्बन्धित कार्य किये जाने थे, परन्तु वर्ष 2014 में केन्द्र में भाजपा सरकार आने के कारण केन्द्र सरकार ने उस फण्ड पर रोक लगा दी गयी।
उन्होंने चुटकी लेते कहा कि, वर्तमान में जबकि डबल इंजन की सरकार चल रही है तो 950 करोड़ कहां चले गये। इन 950 करोड रूपये़ से राज्य में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं सुदृढ़ किया जा सकता था। कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के सम्बन्ध उन्होंने कहा कि, उनके कार्यकाल में कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज हेतु प्राथमिक धनराशि तथा 192 बीघा भूमि उपलब्ध करायी गयी थी। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इस भूमि को श्रम विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया।
जबकि श्रम विभाग ने कभी भी कहीं कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया। जब इस पर सवाल उठने लगे तो 192 बीघा में से लगभग 120 बीघा भूमि मेडिकल शिक्षा को वापस कर दी गयी, बाकि भूमि का क्या हुआ यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा आज यह भूमि खननकारियों का अड्डा बन चुकी है। वहीं कोटद्वार बेस अस्पताल डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। विगत साढ़े चार साल में कोटद्वार में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए फिर भी क्षेत्रीय विधायक कोटद्वार के आमजन को भ्रमित करने पर लगे हुए हैं। वेक्सीनेशन में उत्तराखण्ड लगातार पिछड़ता जा रहा है।
अब जबकि देश के वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कह रहे हैं इससे पूर्व स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को चाक-चौबन्ध किये जाने की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि बहुत से गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों स्थिति भयावह बनी हुई है। उन्हें आर्थिक सहायता देकर एक बार पुन: जीने का अवसर दिया जाय। रेहड़ी फल विक्रेता व छोटे ब्यापारियों की आर्थिकी पर प्रभाव पड़ा है, जिससे आधे से अधिक बेघर हो गये हैं। इन्हें आर्थिक पैकेज देकर दुबारा काम दिया जाय। इस अवसर पर महापौर हेमलता नेगी, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, जिला प्रवक्ता बलवीर सिंह रावत, शकुंतला चौहान, राजेंद्र सिंह गुसांई, विजय कुमार माहेश्वरी,शंखेश्वर प्रसाद सेमवाल, वृजमोहन नेगी, अमितराज सिंह, हिमांशु बहुखण्डी, जितेंद्र भाटिया आदि मौजूद रहे।