रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी /रुद्रप्रयाग
केदारनाथ : कहते हैँ भगवान को तो साक्षात हमने आपने भी नहीं देखा हैँ मगर आस्था ओर विश्वास को लेकर महसूस जरूर किया हैँ.भगवान किस रूप मे सामने होंगे उसका अंदाजा लगाना भी असम्भव हैँ.भगवान का सच्चा सेवक किस की कैसी मदद एंव सेवा कर दे यह भी कहा नहीं जा सकता हैँ.मगर महसूस किया जा सकता हैँ.
बात केदारनाथ धाम की करते हैँ जहाँ आजकल बेमौसमी बर्फबारी हो रही है।जबकि माह मई का पहला सप्ताह बीत चुका है,परन्तु एक चीज जस की तस है,वह है धाम में हो रही बर्फबारी।जो रुकने/थमने का नाम ही नहीं ले रही.कल सोमबार 08 मई 2023 को दिन के बाद केदारनाथ धाम सहित ऊॅचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हुई,एक बार शुरू हुई तो रुकने का नाम ही नहीं लिया।
पंक्ति में खड़े श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के साथ ही अपने ठौर ठिकानों पर जाकर रुकने की अपील की गयी। कुछ लोग केदारनाथ में बने हटमेंट में ठहरे तो कुछ लोग टैंटों में। बर्फबारी इतनी ज्यादा हो रही थी कि टैंटों से बर्फ को हटाना आवश्यक था, नहीं तो हर किसी की एक निश्चित सीमा होती है भार वहन की।भार वहन न कर पाने के कारण टैंट टूट सकते थे।
*आपको बताते चले कि तकरीबन रात के 1 बजे के आसपास भी बर्फ का रुकना बन्द होना तो दूर की बात बड़े-बड़े फांके गिरने शुरू हो गये थे,ऐसे में बाबा केदारनाथ के धाम मे तैनात सच्चा मानव सेवक यूँ कहे कि भगवान के रूप ने ऐसा सेवक चौकी प्रभारी मंजुल रावत अपनी टीम सहित उठे और लग गये ऐसी सेवा करने में जिसका कि कई श्रद्धालुओं को अहसास भी नहीं हुआ होगा।वे लोग तो थक हारकर सोये होंगे।थके तो हम भी थे पर कर्तव्य निर्वहन की जिजीविषा कहाँ थकने देती है,शारीरिक थकान को दरकिनार कर ऐसे कर्तव्य निर्वहन में लग गये कि चैन उनको मिले या न मिले हमें तो चैन भी मिला और आत्मसंतुष्टि भी।*
*हम बार बार सलाम करते हैँ ऐसे मानव सेवा करने वाले पुलिस कर्मी को🙏*