• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

पथरीली जमीन पर उगेगा जड़ी-बूटियों का संसार

19/11/19
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
0
SHARES
407
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
यहां के जड़ी.बूटी शोध संस्थान ने पथरीली जमीन एवं चट्टानों पर पनपने वाली जड़ी.बूटी को लेकर रॉक हर्बल गार्डन को तैयार किया गया है। जड़ी.बूटी शोध एवं विकास संस्थान ने ऐसी ही अनूठी पहल की है। संस्थान ने गोपेश्वर में इस भूमि पर पाषाणभेद, कपूर कचरी, पत्थरचट्टा, इंद्रायण, विरीहकंद, दारू हिरद्रा, हरड़ और बहेड़ा आदि को पनपाया जाएगा। पाषाणभेदा इसका वैज्ञानिक नाम बर्जीनिआ सीलिएटा है। इसमें कई औषधीय गुण पाये जाते हैं, जैसे टॉनिक जीवाणुनाशक, कैंसर प्रतिरोधक, मधुमेह प्रतिरोधी, सूजन को कम करने वाले आदि। लेकिन इसका प्रयोग मुख्यतः वृक्क रोगों जैसे किडनी स्टोन को नष्ट करने में किया जाता है। इसके रस को कान के दर्द में प्रयोग किया जाता है तथा इसके टॉनिक का प्रयोग बुखार में किया जाता है। इसका एक महत्त्वपूर्ण उपयोग त्वचा रोगों में कटने जलने, एलर्जी आदि में किया जाता है। इसमें कवकनाशी गुण भी पाये जाते हैं जिसके कारण यह त्वचा की कवक से सुरक्षा करता है।
पथरीली जमीन अब पहाड़ के लोगों के विकास में रोड़ा नहीं बनेंगी। दरअसल उत्तराखंड के देहरादून में पथरीली जमीन पर जड़ी.बूटी को उगाया जाएगा। यह किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ ही लोगों को किफायती औषधियों को उपलब्ध कराने में काफी कारगार साबित होगी।
हिमालयी राज्य उत्तराखंड का कुल क्षेत्रफल 53 हजार वर्ग किमी है। सूबे में नौ जनपद पर्वतीय है। इन जिलों में अधिकांश पथरीली भूमि होती है या फिर चट्टानों से पटी होती है। इन सभी पर उन्नत किस्म की फसल नहीं उग पाती है। इसी वजह से स्थानीय किसान इस जमीन को ऐसे ही बंजर छोड़ देते है। इससे जमीन होने के बाद भी किसान पूरी तरह से खेती नहीं कर पाते हैं। इस कारण स्थानीय लोगों की आमदनी नहीं हो पाती है और वहां से पलायन के लिए मजबूर हो जाते है। राज्य के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पथरीली जमीन चट्टानों की वजह से 1142.16 वर्ग किमी भूमि अनुपयोगी है। कुमाऊं में 611.44 और गढ़वाल मंडल में 530.72 वर्ग किमी भूमि में खेती को करना मुश्किल है।
जड़ी.बूटी शोध संस्थान ने यहां के पथरीली पहाड़ी पर पनपने वाली औषधीय गुण वाली वनस्पतियों की योजना को बनाया है। फिर इन वनस्पतियों से चमोली जिले के गोपेश्वर में एक रॉक हर्बल गार्डन को बनाया गया हैण् इस गार्डन में चट्टान पर औषधीय गुणों वाली वनस्पतियों को उगाया गया है। आज इन वनस्पतियों की मांग बाजार में बहुत ही ज्यादा मांग है। साथ ही पर्वतीय जिलों के स्थानीय लोगों और किसानों को भी जागरूक किया जाएगाण् इससे आने वाले दिनों में किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने लग जाएंगेण् उत्तराखण्ड में सदियों से निभाए जा रही रस्मों तथा रीति.रिवाजों का दायरा सिमटता जा रहा है रीति.रिवाज केवल नाम के लिये अपनाए जा रहे हैं।
इस घरेलू पौधे के पौधे का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्साि में उपयोग किया जाता है।पथरचटा में जीवाणुरोधीए एंटीवायरलए एंटीमिक्राबियल, एंटीफंगल, एंटीहिस्टािमाइन और एनाफिलेक्टिक गुण होते हैं जो कि लगभग सभी प्रकार की बीमारियों को कम करने में मदद करते हैं। इसमें प्रयुक्त किये जाने वाले पौधों के बारे में जानकारी न होने के कारण इनका प्रयोग कम हो रहा है। उपरोक्त वर्णित सभी जातियाँ संकटग्रस्त जातियाँ हैं। ये सभी पौधे कुछ क्षेत्रों में सिमट कर रह गए हैं। गाजर घास, काली बांसिगए लैन्टाना आदि विदेशी घासों के द्वारा इनके आवास पर अतिक्रमण किया जा रहा है। परम्परागत ज्ञान नई पीढ़ी तक नहीं पहुँच पा रहा है जिसे इन बहुमूल्य जातियों का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। जैसे भी संभव हो जल, जंगल, जमीन को बचाना जरूरी है। जड़ी.बूटी शोध एवं विकास संस्थान ने ऐसी ही अनूठी पहल की है। संस्थान ने गोपेश्वर में एक गड्ढे में पानी भरकर एक्विटिक हर्बल गार्डन जलीय औषधीय उद्यान बनाया है। इस गार्डन में विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी जलीय जड़ी बूटी, औषधीय वनस्पतियों को रोपा गया है।
ये वनस्पतियां कई गंभीर बीमारियों में रामबाण औषधि भी हैं। इससे जड़ी.बूटी की खेती को और जलीय स्रोतए जल संरक्षण दोनों को बढ़ावा मिलेगा। इस मॉडल के जरिये संस्थान किसानों को जड़ी बूटी के खेती को प्रेरित करता हैण् शोध संस्थान के मुताबिक इस गार्डन की लागत महज 10.20 हजार रुपये है। संस्थान पांच नाली भूमि तक यह गार्डन बनाने पर मुफ्त में औषधीय वनस्पतियों के बीज मुहैया कराता है। जड़ी.बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डा0 चन्द्र शेखर सनवाल भारतीय वन सेवा के कर्मठ अधिकारी द्वारा 2018 में ऐसी ही अनूठी पहल की थी। जिसके परिणम धरातर पर दिखाऐ देने लये हैैए किसान की कमाई आसानी से कर सकता है।
लेखक द्वारा उत्तराखण्ड सरकार के अधीन उद्यान विभाग के अन्तर्गत वैज्ञानिक बी0 के पद पर कार्य का अनुभव किया है।

ShareSendTweet
Previous Post

नृसिंह मंदिर मठांगण पहुंची शंकराचार्य गद्दी

Next Post

छात्र आंदोलन अल्मोड़ा में अब इस्तीफे का खेल

Related Posts

उत्तराखंड

हिमालय पर्वत  श्रृंखला में क्यों ज्यादा होते हैं भूस्खलन?

June 30, 2025
9
उत्तराखंड

हेमकुण्ड साहिब तीर्थ यात्रा पर पहुँच रहे कुछ सिरफिरे सिख तीर्थ यात्री आए दिन कहीं न कहीं बबाल काट रहे

June 30, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखंड में तबाही का मंजर कहीं फटे बादल, कहीं चारधाम यात्री फंसे

June 30, 2025
30
उत्तराखंड

साईं सृजन पटल ’ बना साहित्यिक चेतना का मंच, नई पीढ़ी को दे रहा दिशा : राजन गोयल

June 30, 2025
11
उत्तराखंड

डोईवाला: शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई प्री परीक्षा

June 30, 2025
5
उत्तराखंड

बारिश का कहर : घरों में घुसा पानी, मार्ग बंद

June 30, 2025
19

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

हिमालय पर्वत  श्रृंखला में क्यों ज्यादा होते हैं भूस्खलन?

June 30, 2025

हेमकुण्ड साहिब तीर्थ यात्रा पर पहुँच रहे कुछ सिरफिरे सिख तीर्थ यात्री आए दिन कहीं न कहीं बबाल काट रहे

June 30, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.