भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रयासों से राज्य को एक और सौगात मिली है। एसएसबी की तरह आइटीबीपी ने भी आम जनता को के लिए अपने अस्पतालों के द्वार खोल दिए हैं आइटीबीपी ने एक कदम और आगे बढ़कर आम जनता के प्रति अपनी संवेदना दिखाई है।
सांसद बलूनी ने कहा जहां-जहां सीमाओं पर आइटीबीपी है, स्वाभाविक रूप से वे क्षेत्र दुर्गम और पिछड़े हैं। जहां अभी भी अपेक्षित उपचार सुविधाएं नहीं है। आईटीबीपी के आदेश में कहा गया है कि उनके अस्पतालों में स्थानीय नागरिकों को भी उपचार मिलेगा और उन्हें निशुल्क दवाएं भी दी जायेंगी। इसके आदेश सभी बटालियनों के प्रमुखों (इंचार्ज) को दे दिए गये हैं। साथ ही उन्हें निर्देशित किया गया है कि वह स्थानीय जिला प्रशासन और स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों से समन्वय रखेंगे, ताकि नागरिकों के उपचार में दवाओं का संकट बाधा ना बने।
श्री बलूनी ने कहा कि आइटीबीपी ने यह भी स्पष्ट किया है जनता को जो दवाएं दी जायेंगी वह आइटीबीपी के “सिविक एक्शन फण्ड” से दी जाएगी और उनका अलग रजिस्टर तैयार किया जायेगा।
सांसद बलूनी ने कहा आइटीबीपी ने जिस संवेदना का परिचय दिया है, उसके लिए वह आभार प्रकट करते हैं। मोदी सरकार आम जनता के लिए संवेदनशील है निःसंदेह जनता यह अनुभव कर रही है। सीमांत जनता के लिए एसएसबी और आईटीबीपी के चिकित्सकों द्वारा उपचार मिलना सीमान्त जनता के लिये किसी सौगात से कम नहीं है।
सांसद बलूनी लंबे समय से सेना और अर्ध सेना के अस्पतालों के द्वारा स्थानीय जनता को प्राथमिक उपचार देने की पैरवी करते रहे हैं, जिसके तहत अब दोनों सुरक्षाबलों के अस्पतालों से आम जनता को उपचार प्राप्त होगा और उन्हें साधारण सी बीमारी के लिए प्रदेश के बाहर नहीं जाना पड़ेगा।