कमल बिष्ट/कोटद्वार। पुलिस महा निदेशक अशोक कुमार उत्तराखंड की पहल पर तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति श्वेता चौबे, जनपद पौड़ी गढ़वाल के द्वारा निर्देशित गया कि ऑपरेशन मुक्ति अभियान का जनपद में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि शिक्षा से वंचित और ड्रॉप आउट बच्चों को ज्यादा से ज्यादा चिन्हित कर स्कूल में दाखिला कराया जाएं।
अपर पुलिस अधीक्षक, कोटद्वार शेखर चंद सुयाल व क्षेत्राधिकारी/नोडल अधिकारी वैभव सैनी के निकट निर्देशन में एवम प्रभारी निरीक्षक एएचटीयू, कोटद्वार, राजेंद्र सिंह खोलिया के प्रभार में 02 माह के लिए प्रदेश स्तर पर चलाए जा रहे ऑपरेशन मुक्ति 2023 के तहत भिक्षा नहीं शिक्षा दें, के क्रम में आज दिनांक 24 मई 23 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ऑपरेशन मुक्ति टीम के सदस्य महिला उपनिरीक्षक सुमनलता, महिला कांस्टेबल विद्या मेहता, द्वारा प्राथमिक विद्यालय नंबर 6 कोटद्वार में दो बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया व भिक्षा नहीं शिक्षा दें, जागरूकता अभियान कार्यक्रम किया गया जिसमें भिक्षा नहीं शिक्षा दें, बाल सुरक्षा, बाल शोषण, बाल विवाह, बाल अधिकार, साइबर अपराधों के बारे व नशे से होने वाले दुष्परिणाम व उसके बचाव के बारे में जानकारी दी गई। महिला उपनिरीक्षक सुमनलता द्वारा उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऑपरेशन मुक्ति द्वारा किए गए कार्यों, प्रयासों की पूर्ण जानकारी दी गई तथा यह भी बताया कि किस प्रकार उनके द्वारा दी गई भिक्षा बच्चों के भविष्य को अंधकार में ले जाती है जहां से बच्चे धीरे-धीरे भिक्षा से मिले पैसों का प्रयोग नशे के लिए करते हैं एवं नशे की पूर्ति न होने पर फिर अपराध की ओर बढ़ते हैं।
शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे बालक व बालिकाओं के भविष्य को संवारा जा सकता है। इसके अतिरिक्त टोल फ्री नंबर 1090, 1930, 1098,112 की आवश्यकता एवं फायदे के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक किया गया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का सरकारी नंबर भी छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया गया। महिलाओं की सुरक्षा व महिला व बच्चों व साइबर अपराधों की रोकथाम तथा नशे के विरुद्ध जागरूकता अभियान के अनुपालन में एएचटीयू द्वारा छात्र- छात्राओं को महिला सम्बन्धी अपराधों व उनके कानूनी अधिकार के बारे में जानकारी, गुड टच बेड टच, सोशल मीडिया के दुष्परिणाम (फेसबुक, इस्टाग्राम, ट्विटर आदि) नशा उन्मूलन और उत्तराखण्ड पुलिस एप, गौरा शक्ति एप के बारे में जानकारी देते हुए इस ऐप को डाउनलोड कराया गया और ऑपरेशन मुक्ति के संबंध में बताते हुए भीख न देने हेतु प्रेरित किया गया। बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर दिए गए। पुलिस के इस अभियान की उपस्थित अध्यापकों द्वारा प्रशंसा की गई। पुलिस टीम में महिला उपनिरीक्षक सुमनलता, कांस्टेबल मुकेश डोबरियाल, महिला कांस्टेबल विद्या मेहतामेहता, कांस्टेबल सूर्यकांत सैनी शामिल रहे।












