थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पहाड़ों में अपेक्षा से काफी अधिक तापमान बढ़ने के कारण वनाग्नि की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है। जोकि वन विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ है। वन विभाग वनाग्नि के प्रति पूरी तरह से सतर्कता बरतने हुए। सूचना मिलते ही वनाग्नि को नियंत्रित करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
तेज गर्मी के साथ ही जंगलों में दवानल की घटनाओं को देखते हुए बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे पिछले दो दिनों में पश्चिम पिंडर रेंज नारायणबगड़, मध्य पिंडर रेंज थराली एवं पूर्व पिंडर रेंज देवाल की वनाग्नि की विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ समीक्षा की इस दौरान ग्वालदम में मंगलवार की देर रात समीक्षा की और अधिकारियों को हरसंभव जंगलों को दवानल से बचाने के उपाय करने के निर्देश दिए।इस पर मध्य पिंडर रेंज थराली के रेंजर हरीश थपलियाल, डिप्टी रेंजर माखन लाल, अलकनंदा भूमि न रेंज थराली के रेंजर रविंद्र निराला सहित अन्य अधिकारियों ने दवानल की स्थिति की जानकारी दी। इसी तरह से बुधवार को देवाल में पूर्वी पिंडर रेंज देवाल में भी डीएफओ ने समीक्षा करते हुए जंगलों की वस्तु स्थिति की जानकारी ली। यहां पर रेंजर त्रिलोक सिंह बिष्ट, डिप्टी रेंजर त्रिलोक बिष्ट सहित अन्य अधिकारियों ने जानकारी दी।
इस दौरान डीएफओ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस बार पहाड़ो में अभी तक वनाग्नि की घटनाएं कम हुई हैं लेकिन फिर भी फायर सीजन को देखते हुए चमोली जिले का वन महकमा मुस्तैद है। इस वर्ष अभी तक वनाग्नि की कुल 18 घटनायें हुई हैं। और सभी मे वन विभाग के अधिकारियों, कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए समय पर आग पर काबू पा लिया जिससे अधिक नुकसान नही हुआ हैं। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की घटनाएं कम से कम हो इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
गांव में गोष्ठियों के माध्यम से आमजन को जागरूक किया जा रहा है। बताया कि बद्रीनाथ डीवीजन में 100 फायर वाचरों की मदद से निगरानी की जा रही है और वनाग्नि की सूचना मिलते ही फौरन मौके पर पहुंच कर आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के मुकाबले ग्रामीणों का इस बार अधिक सहयोग वन विभाग को मिल रहा है। ग्रामीण के द्वारा वनाग्नि की सूचना समय पर देने के साथ ही आग बुझाने में भी वनकर्मियों का सहयोग मिल रहा हैं।जोकि सराहनीय है। डीएफओ ने ग्वालदम क्षेत्र से गुजरने वाले ऐतिहासिक लार्ड कर्जन मार्ग के जल्द से जल्द सुधारीकरण करने की भी बात कही।