रिपोर्ट- सत्यपाल नेगी
रुद्रप्रयाग – आगामी श्री केदारनाथ यात्रा को लेकर जनपद रुद्रप्रयाग मे घोड़े-खच्चरों के संचालन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही हैं,ऐसे मे जरूरी है सभी घोड़े-खच्चरों का फिटनेस परीक्षण का होना.इसमें सबसे महत्वपूर्ण है ग्लेंडर्स बीमारी की जांच रिपोर्ट का होना। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाँ.आशीष रावत बताया कि घोड़े खच्चरों मे ग्लेंडर्स बीमारी एक खतरनाक रोग होता है,इसका संक्रमण बहुत तेजी से जानवरो के साथ साथ इंसानो मे भी फैलता है.जबकि केदारनाथ धाम मे लाखों श्रद्धालु पहुँचते हैं,वहीं श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर यात्रियों एंव सामान के ढुलान हेतु घोड़े-खच्चरों की आवाजाही की जाती हैं,इसके लिए जरूरी है कि घोड़े खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है.ताकि किसी प्रकार की दिक्कते सामने ना आये।
वही पशु चिकित्सक डाँ.राजीव गोयल ने कहा कि यात्रा शुरू होने से पहले विभाग सभी आवश्यक तैयारीयाँ पूरी करने मे जुटा है.उन्होंने कहा कि घोड़े खच्चरों मे ग्लेंडर्स बीमारी बहुत ही घातक रोग होता है,जिसका संक्रमण पशुओ से मनुष्यों में भी फैलता है,इसका इलाज संभव नहीं है.इसलिए सभी घोड़े-खच्चर मालिकों से अपील है कि वे अपने घोड़े-खच्चरों की ग्लेंडर्स ब्लड सैम्प्लिंग करवा ले,बिना ग्लेंडर्स रिपोर्ट के किसी को भी यात्रा मार्ग मे चलने नही दिया जायेगा,साथ ही अन्य जिलों से आने वाले घोड़े खच्चरों को जिले में आने की परमिशन भी नहीं होगी.उन्होंने कहा कि सबसे पहले जनपद के ही घोड़े खच्चरों की सीमा निर्धारित होगी अगर जरूरत पड़ी तो तब अन्य जिलों के घोड़े-खच्चरों को भी अनुमति दीं जाएगी,मगर ग्लैंडर्स रिपोर्ट के उन्हें भी अनिवार्य दिखाना होगा। घोड़े-खच्चरों मे ग्लेंडर्स बीमारी की जांच श्रीनगर गढवाल की लैब मे किया जाता है,उन्होंने कहा कि समय रहते सभी घोड़े-खच्चर स्वामी अपने पशुओ की जांच अवश्य करा ले।