प्रकाश कपरूवाण
चमोली। भारत की दशकीय जनगणना-2021 की तैयारियां जनपद में शुरू कर दी गई है। जनगणना कार्यो के लिए सभी चार्ज अधिकारियों एवं उनके सहायक अधिकारियों को 24 फरवरी से दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनगणना.2021 का पहला चरण 01 मई से 14 जून 2020 तक चलेगा। इस दौरान मकानों की गणना और सूचीकरण का कार्य किया जाएगा। जबकि दूसरे चरण में 09 से 28 फरवरी 2021 तक प्रगणक द्वारा घर.घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की गणना की जाएगी। यह दशकीय जनगणना देश की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी।
प्रमुख जनगणना अधिकारी-जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सोमवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जनगणना.2021 के कार्यो को त्रुटिरहित पूरा करने हेतु आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभांरभ किया। इस कार्यशाल में जिले के सभी चार्ज अधिकारी एवं सहायक चार्ज अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण ले रहे सभी चार्ज अधिकारियों एवं उनके सहायक चार्ज अधिकारी व कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनगणना.2021 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महत्व का कार्य है। इसके आधार पर ही किसी भी क्षेत्र विशेष की विकास योजनाएं तैयार की जाती है और इसमें छोटी सी भी त्रुटि होने से सभी चीजें प्रभावित हो जाती है। इसलिए जनगणना कार्यो के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण को गम्भीरता से लेते हुए पूरी जिम्मेदारी के साथ जनगणना कार्यो का निर्वहन करना सुनिश्चित करें।
जिला जनगणना अधिकारी अपर जिलाधिकारी एमएस बर्निया ने कार्यशाला में बताया कि इस बार की जनगणना पेपर मोड एवं मोबाईल एप्लीकेशन दोनों स्तर पर की जानी है, ताकि सही एवं सटीक आंकड़े एकत्रित किए जा सके।
जनगणना कार्य निदेशालय के संयुक्त निदेशक एमके चैधरी ने चार्ज अधिकारियों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जनगणना के इतिहास एवं महत्व के बारे बताते हुए जनगणना.2021 के तहत किए जाने वाले कार्यो की विस्तार से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लाभ हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाने के लिए जमीनी स्तर की सूचनाएं जनगणना के तहत एकत्रित जानकारी के आधार पर ही की जाती है। जिसका पंचवर्षीय योजनाओं में उपयोग होता है। उन्होंने जनगणना के दौरान गुणवत्ता एवं समरूपता का विशेष ध्यान रखने को कहा ताकि ये आंकडे भविष्य में योजनाएं बनाने में सहायक सिद्व हो सके।
प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, एडीएम एमएस बर्निया, जनगणना कार्यालय के संयुक्त निदेशक एमके चैधरी, जिला समन्वयक सोमनाथ गोस्वामी, चार्ज अधिकारीध्तहसीलदार सोहन सिंह रांगड, चन्द्र शेखर वशिष्ट, सभी नगर पालिका व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी, सहायक चार्ज अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
विदित हो कि भारत में दशकीय जनगणना 1872 से निर्बाध रूप से होती आ रही है। यह दशकीय जनगणना देश की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी। जनगणना देश, राज्य, जिला, शहर, वार्ड और ग्राम स्तर पर प्राथमिक आंकडों का सबसे बडा स्रोत है। भारत की जनगणना का मकान की स्थिति, सुविधाओं एवं परिसंपत्तियों, जन सांख्यिकीय, धर्म, अनुसूचित जाति, जनजाति, भाषा, साक्षरता, शिक्षा, आर्थिक गतिविधि, प्रवसन एवं प्रजननता सहित विभिन्न मानकों से संबधित आधारभूत आंकड़े उपलब्ध कराने का 150 वर्षो का स्वर्णिम इतिहास रहा है। जनगणना में संकलित किए गए आंकड़े बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैए क्योंकि ये देश की योजना एवं विकास के लिए ठोस आधार उपलब्ध कराते है।