प्रकाश कपरूवाण, जोशीमठ।
जोशीमठ भू धंसाव आपदा पीड़ितों को न्याय दिलाने के हुए लंबे संघर्ष के बाद गत 8 अप्रैल को सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बीच 11 सूत्रीय मांगों पर हुई चर्चा व सहमति के बावजूद धरातल पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने पर ब्रहस्पतिबार को सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के आव्हान पर एक दिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित हुआ।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति द्वारा जोशीमठ भू धंसाव आपदा से पूर्व व आपदा के बाद से लगातार शासन/प्रशासन के सम्मुख न्यायोचित मांगो को लेकर संघर्ष किया जा रहा है। आपदा पीड़ितों को उचित राहत, आवास,स्थाई पुनर्वास/,विस्थापन,सहित अनेक मुद्दों पर सरकार का ध्यानाकर्षण किया जा रहा है,लेकिन पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका।
लंबे संघर्ष के बाद सीएम से वार्ता हुई और संघर्ष समिति की जिन11सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी उनमें सम्पूर्ण जोशीमठ को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने,वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट सार्वजनिक करने,बेनामी भूमि पर काबिज लोगो को स्थानीय स्तर पर भू बंदोवस्त करते हुए भूमि नाम किये जाने,तपोवन-विष्णुगाड परियोजना एवं हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर स्थाई रोक लगाने आदि प्रमुख हैं।
ब्रहस्पतिबार को संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती के नेतृत्व मे तहसील परिसर मे धरना/प्रदर्शन हुआ, जिसके उपरांत सीएम को ज्ञापन भेजा गया।