फोटो– ज्योतिर्मठ किए जाने को लेकर विधायक बदरीनाथ द्वारा दिया गया पत्र।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। जोशीमठ को मिला अपना प्राचीन नाम, अब ’ज्योतिर्मठ’ नाम से जाना जाऐगा, जोशीमठ। मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ विधायक के आग्रह पर की घोषणा।
आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की तपस्थली ज्योतिर्मठ को जोशीमठ के नाम से जाने जाना लगा था, हॉलाकि इस नाम के परिवर्तन की कवायद यूॅ तो कई बार हुई लेकिन धरातल पर नहीं उतर सकी। वर्ष 2016 मे ज्योतिर्मठ के श्रकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के अपने मठ मंे आयेाजित एक कार्यक्रम में जोशीमठ को नाम ज्योतिर्मठ किए जाने की इच्छा जाहिर की थी,ं इसके बाद तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष रोहिणी रावत की अध्यक्षता मे हुई बैठक म्रे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की इच्छा के अनुरूप जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किए जाने का प्रस्तावा पारित हुआ था। इसकी बाद वर्ष 2019 मे पूर्व प्रमुख प्रकाश रावत ने इस मसले को जिला पंचायत के सदन में रखते हुए जोशीमठ को नाम ज्योतिर्मठ कराने का न केवल प्रस्ताव रखा ब्लकि इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित भी कराया। उसी दिन घाट ब्लाक का नाम घाट से बदलकर नन्दानगर रखने का प्रस्ताव भी पारित हुआ था।
घाट ब्लाक का नाम नन्दानगर किए जाने के शासनादेश के बाद जोशीमठ को नाम भी ज्योतिर्मठ किए जाने के मामले ने तूल पकडना शुरू किया। विधायक प्रतिनिधि सुभाष डिमरी द्वारा विधायक महेन्द्र भटट को पूर्व मे पारित प्रस्तावों की छायाप्रति भेजते हुए इस पर कार्यवाही का आग्रह किया गया। जिस पर बीती 20 दिसम्बर को ही विधायक महेन्द्र भटट द्वारा मुख्य मंत्री को पत्र भेजा गया, और शनिवार को नन्दानगर मे आयेाजित विजय संकल्प यात्रा क्रे दौरान भी अपनी अन्य मांगो के साथ जोशीमठ को ज्येातिर्मठ कराए जाने की मांग को प्रमुखता से रखा था। जिसके क्रम मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ज्योतिर्मठ के पौराणिक महत्व को समझते हुए जोशीमठ का नाम ज्योर्तिमठ किए जाने की घोषणा की।
ज्योतिर्मठ नाम किए जाने पर पैनखंडा जोशीमठ के सभी जनप्रतिनिधियो ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। ज्योतिमठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के शिष्य मुकुन्दानन्द ब्रहमचारी ने ज्योतिर्मठ की गरिमा के अनुसार नाम दिए जाने पर क्षेत्र के विधायक एव उत्तराखंड सरकार को इस पुनीत कार्य के लिए साधुवाद दिया है।