डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
रविवार का दिन उत्तराखंड के लिए काला दिन साबित हुआ। खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद अब रुद्रप्रयाग जिले में एक और हादसा हो गया। यहां कुछ लोग केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर लैंड स्लाइड की चपेट में आ गए। मलबा और पत्थर में दबने से एक यात्री की मौत हो गई है और दो यात्री घायल हो गए।उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में जंगलचट्टी के पास केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए, जिसके बाद अधिकारियों ने अगले आदेश तक सोनप्रयाग से केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दी। रुद्रप्रयाग पुलिस के एक बयान के अनुसार, लगातार भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसके कारण बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर ट्रैकिंग मार्ग पर गिर गए, जिससे केदारनाथ धाम जाने वाला पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया और क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने आगे बताया कि पूरे सप्ताह लगातार बारिश की भविष्यवाणी करते हुए क्षेत्र के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है और एहतियात के तौर पर और भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए, सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग को निलंबित कर दिया गया है। रुद्रप्रयाग पुलिस ने केदारनाथ धाम जाने वाले सभी भक्तों से आस-पास के होटलों और सुरक्षित स्थानों पर रुकने का आग्रह किया है। उन्होंने चारधाम यात्रा की योजना बनाने वालों से भी अपील की कि वे अपनी यात्रा शुरू करने से पहले मौसम के पूर्वानुमान और यात्रा संबंधी सलाह पर नजर रखें।
रुद्रप्रयाग पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “जंगलचट्टी के पास खड्ड में मलबा गिरने से पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया है। सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। कुछ समय पहले मिली जानकारी के अनुसार जंगलचट्टी के पास लगातार भारी बारिश के कारण खड्ड में मलबा गिरने से केदारनाथ धाम जाने वाला पैदल मार्ग आंशिक रूप से अवरुद्ध हो गया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार खड्ड में मलबा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 02 लोग घायल हो गए हैं।” मौसम पूर्वानुमान के अनुसार पूरे सप्ताह बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें लगातार बारिश हो रही है। जंगलचट्टी व पूरे पैदल मार्ग पर कई स्थान जो भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र हैं, वहां मार्ग बाधित होने के कारण एहतियातन व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए पैदल मार्ग को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है। केवल जंगलचट्टी क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में फंसे यात्रियों को पुलिस सुरक्षा में नीचे भेजा जा रहा है।जिला पुलिस श्री केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील करती है कि वे जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहें और निकटवर्ती स्थानों पर होटलों आदि में रहें। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खोले गए थे। देश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक, भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित, केदारनाथ देश भर से अनगिनत भक्तों और आगंतुकों को आकर्षित करता है। ऊंचाई पर स्थित ये मंदिर हर साल छह महीने के लिए बंद रहते हैं, गर्मियों (अप्रैल या मई) में खुलते हैं और सर्दियों की शुरुआत में बंद हो जाते हैं। मौसम विभाग द्वारा लगातार बारिश की भविष्यवाणी के साथ, अधिकारियों ने आगे भूस्खलन की चेतावनी दी है और चार धाम यात्रा की योजना बना रहे तीर्थयात्रियों से आग्रह किया है कि वे यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की स्थिति और यात्रा संबंधी सलाह अवश्य जांच लें। अस्थिर भूभाग और लगातार हो रही बारिश के कारण मार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन के लिए संवेदनशील बना हुआ है। *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*