• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

भूस्खलन की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील

01/09/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
12
SHARES
15
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
 उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता जारी है और राज्य के ज्यादातर इलाकों में भारी वर्षा का सिलसिला नहीं रुक रहा। रविवार को देहरादून सहित कई जिलों में दिनभर तेज बारिश हुई, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है।देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में रेड अलर्ट जारी किया गया है। शेष जिलों में भी तेज वर्षा और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट प्रभावी रहेगा। विभाग ने पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और निचले इलाकों में जलभराव के खतरे की चेतावनी दी है। उत्तराखंड के लिए आफत लेकर आया. अगस्त के महीने में उत्तराखंड में आसमानी आफत बरसी. प्राकृतिक आपदाओं ने भी इस महीने देवभूमि को जमकर घेरा. अगस्त के महीने उत्तराखंड के अलग अलग जिलों में बारिश, लैंडस्लाइड, बाढ़, बादल फटने की घटनाएं सुर्खियों में रही. इन घटनाओं के कारण उत्तराखंड को करीब ₹1 हजार करोड़ का नुकसान हुआ. अगस्त के महीने हुई इन घटनाओं में सबसे ज्यादा सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुये. जिसके कारण पूरे प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. पांच अगस्त को धराली में जलप्रलय आई. जिसमें यहां का पूरा बाजार समा गया. खीरगाड़ में भीषण बाढ़ से 4 लोगों की मौत हुई. कई लोगों के मलबे में दब गये. इस दौरान गंगोत्री हाईवे भी पूरी तरह से बाधित हो गया था. जिसके कारण यहां पहुंच पाना असंभव था. धराली आपदा इतनी भयंकर थी कि देश दुनिया की मीडिया ने इसे कवर किया. धराली आपदा, पीएम मोदी, अमित शाह ने दुख जताया. सभी ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया. इसके बाद उत्तरकाशी धराली आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के MI-17 और चिनूक का सहारा लिया गया. आज धराली आपदा को 25 दिन पूरे हो गये है. आज भी धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. धराली आपदा के ही अगले दिन पौड़ी जिले में भी आसमान से आफत बरसी. पौड़ी जिले के सैंजी, पट्टी बाली कण्डारस्यूं और ग्राम रैदुल, पट्टी पैडुलस्यूं में भी बादल फटने, अतिवृष्टि का सूचना मिली. इसके साथ ही इन इलाकों में लैंडस्लाइड की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है. यहां के मकानों और कृषि भूमि भी बर्बाद हो गई. हालातों को देखते हुए सीएम धामी खुद मौके पर पहुंचे. उन्होंने आपाद पीड़ितों से मुलाकात की. साथ ही प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. उनके रहने, भोजन समेत अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की गई. धराली और पौड़ी आपदा के बीच प्रदेश के दूसरे जिलों में भी अगस्त महीने में बारिश का कहर जारी रहा. रुद्रप्रयाग जिले में 6 अगस्त बारिश के कारण केदारनाथ धाम जाने वाला राजमार्ग सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच मलबा पत्थर आने से बाधित हो गया है. रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार में 28 अगस्त की रात बादल फटने की घटना हुई. जिससे यहां आपदा जैसे हालात पैदा हो गये. इसमें बड़ेथ डुंगर तोक क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है .बसुकेदार का छोटा सा बाजार छेनागाड़ मलबे में तब्दील हो गया. यहां 18 भवन मलबे में दब गये. आठ लोग भी लापता बताये जा रहे हैं. बसुकेदार क्षेत्र में आई आपदा में बड़ेथ के पास प्रसिद्ध बिंदेश्वर महादेव मंदिर भी मलबे में दफन हो गया. इस दौरान कुदरत का कहर क्षेत्र के ताल जामण में भी देखने को मिला. यहां भी ग्रामीणों के आवासीय भवन मलबे में दब गए. धारी देवी मंदिर भी अलकनंदा नदी के उफान पर आने के कारण डूबा सा नजर आया. अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण धारी देवी मंदिर के पिलर पूरी तरह से डूब गये. धारी देवी मंदिर के आस पास के इलाके भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया. श्रीनगर शहर के घाट भी पूरी तरह से नदी में डूब गये. वहीं, देवप्रयाग संगम भी पूरी तरह से डूबा हुआ नजर आया. त्तराखंड के बागेश्वर जिले के पैसानी गांव में 34 साल बाद आई भीषण आपदा ने ग्रामीणों की जिंदगी तहस-नहस कर दी है। भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने गांव को पूरी तरह तबाह कर दिया। खेत-खलिहान, पशु-चारा व्यवस्था और बुनियादी ढांचा ध्वस्त हो चुका है। कनलगढ़ घाटी के एक दर्जन से अधिक गांवों में बिजली, पानी और सड़क संपर्क टूट गया है। 14 पैदल पुल बह चुके हैं, जिससे ग्रामीणों का बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है। आपदा प्रभावित लोग कैंप बैसानी में शरण लिए हुए हैं। लेकिन, भय और अनिश्चितता के बीच वे अपने गांव लौटने को तैयार नहीं हैं। जिला पंचायत सदस्य बलवंत आर्या ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 28 तारीख को हुई मूसलाधार बारिश ने दो परिवारों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इन परिवारों के पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें से तीन शव बरामद हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। उन्होंने कहा, “हालात इतने खराब हैं कि न पीने का पानी है, न बुनियादी जरूरतें पूरी हो रही हैं। पूरा बुनियादी ढांचा चरमरा गया है।”उत्तराखंड में पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। सोमवार को बारिश से बिगड़े हालातों को देखते हुए चारधाम और हेमकुंट साहिब की यात्रा 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले कुछ भारी बारिश देखने को मिलेगी। ऐसे में प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। आपदा प्रभावित ग्रामीण ने पत्रकारों से बातचीत में अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, “हमें न कपड़े चाहिए, न भोजन। सब कुछ तबाह हो चुका है। प्रशासन भोजन दे रहा है, लेकिन हम उसे बनाकर कहां खाएं? लोग कहते हैं कि दूसरी जगह जाओ, वहां सब मिलेगा, लेकिन इससे हमारी सारी जरूरतें पूरी नहींहोंगी।”अध्ययन में सबसे अधिक आपदा-प्रवण क्षेत्रों, नदी घाटियों के किनारे और नाजुक ढलानों पर बस्तियों, बुनियादी ढांचे और मार्गों के निर्माण पर रोक लगाने की सिफारिश की गई है। वहीं यहां रहने वाले लोगों को प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए पर्यावरण-आपदा खतरे को कम करने के उपाय, जैसे कि जंगलों और आर्द्रभूमि के संरक्षण के साथ-साथ नदी के किनारों और ढलानों जैसे नाज़ुक क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान का भी सुझाव दिया गया है। उत्तराखंड में इस बार मानसून में भूस्खलन की एक के बाद एक घटनाओं ने चिंता और चुनौती दोनों बढ़ा दी हैं। राज्य में मई से अब तक 12 जिलों में 63 स्थानों पर बड़े भूस्खलन हुए हैं, जिनमें जान-माल को भारी क्षति पहुंची है। भूस्खलन की दृष्टि से रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी व पौड़ी जिले अधिक संवेदनशील हैं।अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण इन्हीं जिलों में बड़े भूस्खलन की सर्वाधिक 45 घटनाएं हुई हैं। यद्यपि, भूस्खलन की चुनौती से निबटने के लिए अब संवेदनशील क्षेत्रों का चिह्नीकरण कर इनकी मैपिंग के लिए कसरत शुरू की जा रही है। आपदा और उत्तराखंड का मानो चोली-दामन का साथ है। हर वर्षाकाल के चार महीनों में अतिवृष्टि, बादल फटना, भूस्खलन व नदियों की बाढ़ से राज्य को प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति झेलनी पड़ रही है। इस बार का परिदृश्य भी इससे जुदा नहीं है। वर्षा का क्रम जल्दी प्रारंभ होने का ही नतीजा है कि इस मर्तबा राज्य में भूस्खलन की घटनाएं अधिक हो रही हैं।आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मई से अब तक 12 जिलों में भूस्खलन की 63 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि राज्य के सभी जिलों में छोटे-छोटे भूस्खलन की संख्या 2500 से अधिक है। गत वर्ष राज्य में मई से अगस्त तक बड़े भूस्खलनों की 40 घटनाएं हुई थीं, जबकि छोटे-छोटे भूस्खलन की संख्या 1800 से 2000 के बीच थी। इस बार चार जिलों में भूस्खलन से अधिक तबाही मचाई है।। *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*

Share5SendTweet3
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

नीती-माणा घाटियों से भारत-तिब्बत व्यापार की राह खुलने की आस जगी

Next Post

डोईवाला: जल, जंगल, जमीन संरक्षण को लेकर गोष्ठी आयोजित

Related Posts

उत्तराखंड

पर्यटन स्थल हैं त्रिपुरा देवी मंदिर!

October 24, 2025
42
उत्तराखंड

चंपावत में खोला जाएगा कृषि विश्वविद्यालय : मुख्यमंत्री

October 24, 2025
6
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने टनकपुर ( चंपावत) में भैया दूज (च्यूड़ा पूजन) समारोह में किया प्रतिभाग, महिलाओं ने किया पारंपरिक पूजन

October 24, 2025
6
उत्तराखंड

दून पुस्तकालय में बहे ऋत्विज पंत के शास्त्रीय गायन के रंग

October 24, 2025
7
उत्तराखंड

वार्षिक पत्रिका ‘प्रयास’ के 16वें संस्करण का हुआ विमोचन

October 24, 2025
6
उत्तराखंड

सरदार पटेल केवल भारत के लौह पुरुष नहीं, बल्कि एकता और अखंडता के प्रतीक थे – जिलाधिकारी

October 24, 2025
4

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67470 shares
    Share 26988 Tweet 16868
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45755 shares
    Share 18302 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38026 shares
    Share 15210 Tweet 9507
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37422 shares
    Share 14969 Tweet 9356
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37293 shares
    Share 14917 Tweet 9323

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

पर्यटन स्थल हैं त्रिपुरा देवी मंदिर!

October 24, 2025

चंपावत में खोला जाएगा कृषि विश्वविद्यालय : मुख्यमंत्री

October 24, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.