डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
कोरोना से उत्पन्न संकट के बाद जहां कुछ जवान हाथ पहाड़ के हिस्से रुकेंगे वहीं, रोजगार के विकल्प के रूप में हमें परंपरा और आधुनिकता का बहुत सावधानी से मिश्रण करते हुए कोरोना के संकट को अवसर में बदल लेना चाहिए। कोरोना काल में उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों में हुए रिवर्स पलायन को जहां आशा की नज़र से देखा जा रहा है, वहीं इसके एक और पहलू पर भी गौर करने की जरूरत है। आजकल गांवों में बड़ी तादात में युवा जो मैदानों में छोटे मोटे काम करते थे, वापस अपने पहाड़ी मूल गांवों में आ गए हैं।
भारत में आयुर्वेदिक औषधियों का एक अलग ही मह्त्व है। हमारी किचन में कई ऐसी चीजें मौजूद होती हैं जिनमें कई तरह की बिमारियों का रामबाण इलाज छिपा हुआ है। ऐसे ही गुण लौंग में भी मौजूद हैं, जो कि न सिर्फ पकवानों में स्वाद का काम करती है बल्कि सदियों से आयुर्वेदिक औषधी के तौर पर भी इस्तमाल की जा रही है। लौंग मटेंसी कुल के यूजीनिया कैरियोफ़ाइलेटा नामक मध्यम कद वाले सदाबहार वृक्ष की सूखी हुई पुष्प कलिका है। लौंग का अंग्रेजी पर्यायवाची क्लोव है। जो लैटिन शब्द क्लैवस से निकला है। इस शब्द से कील या काँटे का बोध होता है, जिससे लौंग की आकृति का सादृश्य है। इस मसाले का उपयोग भारतीय पकवानों में बहुतायत में किया जाता है। इसे औषधि के रूप मे भी उपयोग मे लिया जाता है। लौंग को पीसकर या साबूत खाद्य पदार्थ में डालने से वह सुगंधमय हो जाता है, अतः भिन्न भिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को सुवासित करने के लिए इसका उपयोग मसाले की तरह करते हैं।
दाँत का मंजन, साबुन, इत्र वेनिला तथा पौधों की आंतरिक रचना देखने के लिए एवं दवा के रूप में इस तेल का उपयोग होता है। लौंग के फल एवं फूल के डंठल का भी कभी कभी उपयोग किया जाता है। लौंग सदियों से मसाले के रूप में इस्तेमाल होने वाला औषधीय गुणों का खजाना है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। इसमें विटामिन ए और सी, मैगनीशियम और फाइबर भी पाया जाता है। यह सभी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। साधारण सा सर्दी.जुकाम हो या कैंसर जैसा गंभीर रोग सभी के उपचार में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है, में पाया जाने वाला एंथोकाइनिन एंटीऑक्सीडेंट फ्री रैडिकल्स से लड़ने में बहुत ही प्रभावशाली होता है। डायबिटीज से पीडि़त लोगों के लिए लौंग लाभकारी होता है। यह ना केवल रक्त को शुद्ध करता है, बल्कि ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है। लौंग का सेवन प्रतिरोधी क्षमता को भी बढ़ाता है।
अरोमा एक्सपर्ट अर्थराइटिस के उपचार के लिए लौंग के तेल की मालिश लाभकारी होता है। लौंग एक असरदार खाद्य पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल कर आप शरीर की कई गंभीर समस्याओं से निजात पा सकते हैं लौंग, सदाबहार पेड़ की खूशबूदार सूखी पुष्प कलियां होती हैं। सामान्यतः इसका इस्तेमाल भोजन बनाने और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है, लेकिन लौंग का प्रयोग प्राचीन समय से एक आयुर्वेदिक जड़ी.बूटी के रूप में भी किया जा रहा है। लौंग को पीसकर, या साबुत खाद्य पदार्थ में डालने से, वह सुगंधमय हो जाता है, अतः भिन्न भिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को सुवासित करने के लिए इसका उपयोग मसाले की तरह करते हैं। दाँत का मंजन, साबुन, इत्र वेनिला तथा पौधों की आंतरिक रचना देखने के लिए एवं दवा के रूप में इस तेल का उपयोग होता है। लौंग के फल एवं फूल के डंठल का भी कभी कभी उपयोग किया जाता है। यदि राज्य सरकारें सूझ.बूझ से काम ले तो भारत जड़ी.बूटियों के मामले में फिर से एक समद्ध राष्ट्र बन सकता है। विश्व में इस समय हर्बल दवाओं और जड़ी.बूटियों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है। हर्बल दवाएं, वनौषधियां, जड़ी.बूटियों आदि के बाजार की विकास दर है।