घौरी रावा, सुरक्षित रावा…
गैरसैंण। विख्यात साहित्यकार, लेखक, समाजसेवी, वरिष्ठ अधिवक्ता भुवन नौटियाल ने लोगों से घौरी रावा. सुरक्षित रावा स्लोगन के साथ ग्रीन जोन को बचाये रखने के लिए लोगों से अपील करने के साथ ही सरकार का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं की ओर आकर्षित करते हुए वर्तमान परिस्थितियों का सामना करने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जनपद ग्रीन जोन में हैं, लेकिन उत्तरकाशी में एक एक्टिव केश मिलने पर अन्य जनपदों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं।
गत दिनों दिल्ली से आये और स्थानीय स्तर पर स्कूलों में क्वरंटीन हुए लोगों के परिजन जिस कदर मिलने के लिए उतावले और घर ले जाने को जिस प्रकार से संँघर्ष कर रहे हैं, वह उत्तराखंड के ग्रीन जोन के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह तो शूरूआती दौर है, प्रवासियों का आने का और अगले दस दिनों में हजारों गांवों में जब प्रवासी आयेंगे और हम स्व अनुशासन
और लाँकडाउन की लक्ष्मण रेखा का उलंघन करेंगे और हर काम के लिए सरकारों के भरोसे रह कर उसकी ड्यूटी समझेंगे तो हम अपने जीवन के साथ साथ आस पास के मानव जीवन को भी सदैव के लिए समाप्त होने का खतरा भांपते हुए नौटियाल ने सरकारों और प्रवासियों से अपील करते कहा कि प्रवासीगणों को उत्तराखंड में प्रवेश के दौरान सरकारी मशीनरी से स्वास्थ्य परीक्षण करा कर उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का सर्वहित में पालन करना होगा।
क्वारंटीन के दौरान गांव परिवार से दूरी बनाये रखें और गांव परिवार वालों को भी उनके एकांतवास में दखल नहीं देना होगा। साथ ही राज्य सरकार को क्वारंटीन की सफलता के लिए गांव के स्कूल का प्रभारी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक एवं सहायक खंड विकास अधिकारी को पटवारी क्षेत्र का सेक्टर प्रभारी बना कर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाने पर विचार करना होगा। साथ ही उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपूर्ण तहसील के राहत कैम्प और होम क्वारंटीन की सुव्यवस्थाओं के लिए समस्त खाद्य अधिकारियों की देख रेख समिति बनायी जाये। ताकि प्रवासियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो ।
उन्हें राशन कार्ड, गैस कनेक्शन, पानी बिजली संयोजन और जाब कार्ड उपलब्ध कराये जाने होंगे। उन्होंने कहा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगलेश घिल्डियाल ने जिस प्रकार जनपद में प्रवासियों के लिए रूपरेखा व वीडियो जारी किया है उसे सारे प्रदेश में लागू करना होगा और अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ साथ राहत कैंपों में दूरदर्शन, रेडियो पर भी इसका प्रसारण हो। सरकार को कैंपों में रहने वाले प्रवासियों की आजीविका के प्रति मंशा पर अध्ययन कर उनके प्रशिक्षण, अनुभव, रूचि का भी रिकार्ड रखना होगा और जो लोग गृह विहीन हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ कर पुनर्वास को बड़ी चुनौती के रूप में स्वीकारना होगा। और सब लोगों को मिलकर अपने गांव, जनपद, राज्य व देश को कोरोना शून्य बनाने के रास्ते में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। अब नये भारत के निर्माण के लिए सबको कमर कश कर खड़े होने का वक्त आ गया है।












