गैरसैंण। सप्तमी की रात्रि नंदा देवी जागरो के साथ जागरण के पश्चात अष्टमी को भक्तों ने अपनी अराध्या को ससुराल के लिए विदा किया।
वर्षों से हर साल नंदा अष्टमी को मनाया जाने वाला पाती मेले का भव्य आयोजन के साथ समापन हो गया है। स्थानीय लोगों द्वारा चीड़ का लगभग 50 फीट लंबा स्तंभ पर कुंज, ककड़ी, अनाज की बालियां, पुष्प, मकई स्थानीय फल आदि को लपेट कर एक धर्म स्तंभ खड़ा कर उस पर नंदा देवी के पश्वा द्वारा आरोहण कर न्ंदा देवी द्वारा अपने ससुराल कैलाश पर्वत पर जाने का सांकेतिक मंचन कर मेले का समापन किया गया।
भक्तों ने लाटू देवता की अगुवाई में नंदा देवी की विदाई की सामूहिक व व्यक्तिगत पूजा अर्चना करते हुए मन्नते मांगी। पुजारी जनार्जन गैड़ी भागवत, राम तथा लक्ष्मण पुजारी ने मेले का आयोजन करने और व्यवस्था बनाने में सहयोग किया। इस बीच नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, पूर्व प्रमुख जानकी रावत, एडवोकेट कुंवर सिंह नेगी, विरेंद्र टमटा, पृथ्वी सिंह, रामचंद्र गौड़, डा0 जयानंद गैडी, कुशुम लता गैडी, दिनेश गौड तथा पूरे गांव गैड़, धारगैड, कोलियांणा, ग्वाड़, सलियांणा, फरकंडे,
गांवली, सौनियांणा, खत्रीयाणा, रिखोली, गडोली के भक्ता जन मोजूद रहे।