देहरादून। बिना आंदोलन के सरकार की आंखें नहीं खुलती हैं। या कोई बड़ी घटना होने के बाद ही सरकार हरकत में आती है। इसका उदाहरण है नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग को लेकर चल रहा आंदोलन। पिछले दो माह से चल रहा यह आंदोलन अब उग्र रूप लेता जा रहा है। घाट क्षेत्र की जनता इस आंदोलन से जुड़ी है। जब आंदोलन काफी आगे बढ़ गया तब राज्य सरकार की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई है। इसके लिए एक हद तक वे लोग जिम्मेदार हैं, जो सरकार के आंख कान कहे जाते हैं। मुख्यमंत्री तक मामला न पहुंचने के कारण क्षेत्रवासियों को इस कड़कड़ाती ठंड में आंदोलन करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने के बाद संभव हैं कि यह आंदोलन अब समाप्त हो जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चमोली जनपद में नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के लिए मांग कर रहे ग्रामीणों की खबर का संज्ञान लेते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चैड़ीकरण के लिए आवश्यक परीक्षण करते हुए शीघ्र कार्यवाही की जाय, ताकि क्षेत्र की हजारों की आबादी वाले ग्राम सभाओं के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।












