डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और इंडियन रेस्क्यू अकैडमी (आइटस ग्रुप महाराष्ट्र) पुणे के बीच आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन के लिए महत्वपूर्ण समझौता हुआ। जिससे एसडीआरएफ के जवानों को आधुनिक एवं तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा।
शुक्रवार को एसडीआरएफ कमांडेंट अर्पण यदुवंशी और इंडियन रेस्क्यू अकैडमी के निदेशक अंकित वाघ ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमताओं में सुधार होगा और एसडीआरएफ रेस्क्यू दल अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकेंगे।
पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एमओयू के अनुसार संबंधित ट्रेंनिग एजेंसी एसडीआरएफ के जवानों के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित करेगी। इसमें मेडिकल फर्स्ट रेस्पॉन्डर से लेकर फ्लड रेस्क्यू, ध्वस्त हो चुकी इमारतों में खोज और बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।
इसके अलावा रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु के खतरों से बचाव के लिए भी जवानों को आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही सीबीआरएन उपकरणों की मरम्मत एवं रख–रखाव के लिए विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स मॉडल पर आधारित होगा। इसमें पहले चरण में एसडीआरएफ के जवानों को प्रशिक्षक के रूप में तैयार किया जाएगा। बाद में इन प्रशिक्षकों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जाएगा जो आगे अपनी टीमों को प्रशिक्षित करेंगे।
इसके अलावा एजेंसी द्वारा तीन दिवसीय मनोवैज्ञानिक देखभाल और परामर्श कोर्स भी आयोजित किए जायेंगे। जिसमें आपदा के दौरान रेस्क्यू दल के साथ ही आपदा पीड़ितों की मानसिक और भावनात्मक देखभाल के लिए जवानों को तैयार किया जाएगा।
___________________________________________
ट्रेंनिग के माध्यम से राजस्व सृजन का मॉडल
यह साझेदारी न केवल आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण में सुधार करेगी बल्कि यह एक राजस्व सृजन मॉडल भी है। एसडीआरएफ के साथ ही अन्य राज्यों के प्रतिभागियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूती मिलेगी और एसडीआरएफ की प्रशिक्षण क्षमता बढ़ेगी। जिससे भविष्य में भी इस मॉडल से लाभ उठाया जा सकेगा।
__________________________________________
इस एमओयू से राज्य में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख जाएगा। इससे आपदा के समय लोगों को त्वरित और प्रभावी मदद मिलेगी। साथ ही एसडीआरएफ के जवानों को आधुनिक एवं तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा।