रिपोर्ट: लक्ष्मण नेगी
चमोली। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में शनिवार को गढ़भोज का आयोजन किया गया। गढ़भोज में छात्र छात्राओं द्वारा विशेष तौर स्थानीय पोशाक पहनकर लाल भात, मंडुए की रोटी, राई की सब्जी, झंगोरे की खीर, चैंसा और काफली जैसे स्थानीय व्यंजन पकाए एवं परोसे गए। गृहविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित गढ़भोज कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य प्रो. कुलदीप सिंह नेगी ने कहा कि गढ़भोज दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि स्थानीय एवं जैविक उत्पादों की तरफ एक बार फिर से लोगों में जागृति एवं विश्वास पैदा हो।गृह विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ रंजू बिष्ट ने कहा कि हमारे स्थानीय उत्पाद स्वाद एवं पौष्टिकता में आधुनिक भोजन से बेहतर हैं। गृह विज्ञान विभाग की प्रभारी डॉ प्रियंका टम्टा ने कहा कि गढ़वाल एवं कुमाऊं क्षेत्र में पैदा होने वाले स्थानीय उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं और इसको बढ़ावा देने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए साधन भी पैदा हो सकते हैं।इस अवसर पर प्रो. चंद्रावती जोशी, डॉ मनीष डंगवाल, डॉ बीपी देवली, डॉ डीएस नेगी, दीपा, सोनी, दीप्ति, सोनी, पूनम आदि उपस्थित थे।