रिपोर्ट:लक्ष्मण सिंह नेगी
चमोली। कल्प क्षेत्र में आज आज अलग-अलग जगह की नंदा देवी स्वनुल देवी की छतोलिया उच्च हिमालय क्षेत्र के लिए प्रस्थान हो गई है,उर्गम घाटी की छाछोली घंटा कारण मंदिर में इकट्ठा होकर के भूमियाल क्षेत्रपाल की आज्ञा से वरगिणडा गांव से गीरा वांसा होती हुई वडोई,मूला बुग्याल, कुडमूला,वरजिक, देवदर्शनी बंसी नारायण, रिखडार गुफा यात्रा छठी तिथि को पहुंच गई है कल प्रातः सप्तमी तिथि को मेनवा खाल के पास जात की जाएगी जिसमें पंचगै की यात्री भी सम्मिलित रहेंगे जिसमें पल्ला जखोला कलगोठ, द्वीगतूण,किमाया गांव की छोटूलिया भी इसमें सम्मिलित रहेगी। यहां पर ब्रह्म कमल की पूजा करने के बाद ब्रह्म कमल तोड़े जाएंगे और रात्रि विश्राम रिखडार गुफा पर किया जाएगा। अष्टमी तिथि को जतोऊ अपने-अपने गांव को प्रस्थान करेंगे। वही वही फ्यूंलानारायण मंदिर में दो दर्जन से अधिक नंदा स्वनुल देवी की छतोलीया अलग-अलग गांव से इकट्ठा होकर भरकी पंचनाम देवताओं की चौक में इकट्ठा होगी यहां पर नंदा देवी के लोग जागरण का गायन देवेंद्र सिंह पंवार एवं लक्ष्मण सिंह पंवार, रामचंद्र सिंह कंडवाल, भोला सिंह पंवार आदि के द्वारा जगरों का गायन किया जाएगा जिसमें भगवती के लोकगीतों का आह्वान के बाद पांच नाम देवताओं का अवतरण होगा और इस यात्रा की अगवानी क्षेत्रपाल भूमियाल देवता भरकी करेंगे देवता की आज्ञा के बाद यात्रा प्रथम दिवस के प्रवास के लिए फयूला नारायण पहुंचेगी इस दिन पूरी रात्रि के चार पैर में लोग जागरण का गायन किया जाएगा देवताओं का अवतरण होगा। 22 सितंबर 2023 को प्रातः 6:00 बजे से फ्यूंलानारायण मंदिर में सभी यात्रीगण भनाई बुग्याल के लिए प्रस्थान करेंगे और इससे पूर्व यात्रा को कुशल बनाने के लिए भूमियाल देवता का आह्वान किया जाएगा और यहां से यात्रा 12 किलोमीटर की पदयात्रा कर मोलग्वडा भकरथोला अतीस पट्टा मल्यूं,रोकनी,मोखान, खरक होते हुए भनाई बुग्याल पहुंचेगी यहां स्वनुल देवीका की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी जतोऊ (फुलवारी) के द्वारा ब्रह्म कमल की क्या रियो से ब्रह्म कमल को तोड़कर लाया जाएगा और यहां भगवती को अर्पित किया जाएगा ब्रह्म कमल तोड़ने से पूर्व वन देवियों से बम-ब्रह्म कमल तोड़ने की अनुमति ली जाएगी और उन्हें गगाडी समुण काकड़ी मुगरी च्यूंडा रेसमी साडा केला कीमपू नारंगी साल दोसाल वासी लावण वारधान चौव विनंदी टीकी साकुरी चूड़ी नथ पैंजनी आदि गांगड़ी समूण भगवती को भेंट किया जाएगा।उसके बाद ब्रह्म कमल तोड़े जाएंगे और यहां भगवती के चरणों में कमल चढ़ाई जाएंगे उसके बाद यात्रा वापस फ्यूंलानारायण धाम पहुंचेगी , यहां भगवान नारायण को ब्रह्म कमल चढ़ाई जाएंगे और विशेष पूजा अर्चना संपन्न की जाएगी रात्रि की चारपहर में लोक जगरों का गायन किया जाएगा । 23 सितंबर 2023 कोअष्टमी तिथि को प्रातः यहां मंदिर में भगवती नंदा, स्वुनुल,दाणी, देवी को 16 किलो चावल का भोग लगाया जाएगा 4 किलो की पूरी दूध घी मक्खन सत्तू बड़ी का विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। इस यात्रा में एक दर्जन से अधिक गांव के लोग छतोली लेकर आते हैं जिसमें उर्गम घाटी के सलना से एक छतोली,डुमक गांव से एक छतोली, पल्लाजखोला से पोखनी से एक छतोली, भेंटा,भरकी, भेंटा पिलखी ग्वाणा अरोसी की छतोलिया सम्मिलित रहती है। अष्टमी तिथि को फ्यूंलानारायण से भरकी गांव होती हुई सभी छतोली अपने गांव के लिए प्रस्थान करेगी। 24 सितंबर 2023 को नवमी तिथि को श्री फ्यूंलानारायण धाम के कपाट विधिवत ढंग से बंद कर दिए जाएंगे भगवान की चल विग्रह मूर्ति भरकी पहुंचेगी इसी दिन पांच नाम देवताओं के मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा यह मेला 25 सितंबर 2023 दशमी तिथि के दिन भगवती नंदा स्वनुल देवी को जागरों के माध्यम से कैलाश को विदा कर दिया जाएगा भगवती नंदा को नंदीकुंड तथा स्वनुल देवी को सोना शिखर को विदा कर दिया जाएगा। मेले की मुख्य अतिथि उर्गम घंटा कारण होंगे अपने कटारर और निशान के साथ मेले में सम्मिलित होंगे और लोगों को आशीर्वाद देंगे।