रिपोर्ट:कमल बिष्ट।
कोटद्वार। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में संस्कृत विभाग तथा आई.क्यू.ए.सी. के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृत सप्ताह समारोह का प्रारंभ वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार द्वारा वृक्षारोपण से हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय की संरक्षिका प्रोफेसर जानकी पंवार ने कहा कि संपूर्ण विश्व में संस्कृत सप्ताह समारोह मनाया जा रहा है, सप्ताह के अन्तर्गत सात दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में जगह-जगह संस्कृत गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जन-जन का यही है उद्घोष- जयतु भारतम् जयतु संस्कृतम्। साथ ही साथ आपने यह भी बताया कि वृक्ष देव तुल्य हैं। वृक्षारोपण करते हुए वृक्ष संपदा को निरंतर संरक्षित कर उसे जीवित रखना हम सब का परम कर्तव्य है।
वृक्षारोपण करते हुए निरंतर उसे संरक्षित कर जीवित रखना हम सभी का परम कर्तव्य है : प्रो.जानकी पंवार।
इस अवसर पर डॉ. अरुणिमा ने कहा कि संस्कृत सप्ताह संपूर्ण देश में श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। संस्कृत समस्त भाषाओं की मूलाधार है। श्रावण मास हमारे समस्त मासों में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है, भगवान शिव का मास यही है। वैदिक ऋषियों ने भूसंतुलन में वृक्षों को आवश्यक मानकर इनको मातृवत पूजनीय माना है। इसी क्रम में डॉ. रोशनी असवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कृत अति प्राचीन भाषा है। वैदिक काल से अधिकतम पर्यावरण संरक्षण की भावना के समस्त स्रोत संस्कृत में निहित है। इसी क्रम में डॉ. प्रियम अग्रवाल ने संस्कृत सप्ताह समारोह की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाते हैं और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम किए जाने चाहिए, जिससे छात्र पठन-पाठन के अतिरिक्त अपनी संस्कृति और भाषा से भी जुड़ सकें। इस अवसर पर डॉ. अभिषेक गोयल, डाॅ. आदेश कुमार , डॉ. विक्रम शाह, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. सुशील बहुगुणा, डॉ. भगवत रावत, प्रमोद कुमार, आदि प्राध्यापकों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा को द्विगुणित कर दिया। विद्यार्थियों में कुमारी हिमानी, प्रेरणा, अंजलि, शीतल, जयश्री, प्रिया, नीलम तोमर, सुहानी, चारु, ख़ुशी, करीना, सानिया, आदि ने शारीरिक श्रम कर महाविद्यालय को सुंदर तथा स्वच्छ बनाने का सराहनीय प्रयास किया।