रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली। आजादी के 76 वर्षों के बाद भी पहाड़ के दुरस्त गांवों तक सड़क नही पहुंचने से आज भी प्रसूताओं, बीमार बुजुर्ग महिलाओं एवं पुरुषों का सहारा आज भी पारंपरिक तरीका डंडीयां ही बनी हुई हैं।ऐसा ही एक वाकया फिर से देखने को मिला जहां पर एक प्रसूता युवती की प्रसव के बाद करीब 5-6 दिन बाद अचानक तबीयत खराब होने पर ग्रामीण तीन किलोमीटर डंडी के सहारे मोटर सड़क तक लाएं उसके बाद उसे अस्पताल तक लेजाया गया जहां उसका उपचार शुरू किया गया है। यह मामला विकास खंड देवाल के अंतर्गत यातायात से वंचित सुदूरवर्ती गांव बलाण की एक 22 वर्षीय युवती अनीशा पत्नी भुपाल सिंह का 5-6 दिन पूर्व गांव में ही प्रसव हुआ था, प्रसव के बाद से ही युवती का स्वास्थ्य खराब होने लगा था,परन्तु रविवार की देर रात उसका स्वास्थ्य अधिक बिगड़ गया और वह चलने फिरने तक में असमर्थ हो गई जिस पर ग्रामीणों ने युवती को अस्पताल ले जाने का निर्माण लिया और आनन-फानन में सोमवार की तड़के एक फोल्डिंग कुर्सी में दो डंडे बाध कर एक डंडी तैयार की और उसमें बीमार युवती को बिठा कर उबड़-खाबड़ रास्ते से चलते हुए गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर तक 18-20 ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत से कालीताल नामक स्थान जहां तक सड़क निर्मित हैं पहुंचाया उसके बाद इस बीमार युवती को एक वाहन के जरिए पहले घेस के पास तक पहुंचाया गया। घेस में सड़क भूस्खलन से बंद होने के कारण युवती को एक बार फिर से कड़ी मशक्कत के बाद भूस्खलन प्रभावित सड़क के इस ओर लाया गया और यहां से एक अन्य वाहन के जरिए उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग लेजाया गया जहां उसका उपचार शुरू किया गया,इस दौरान गांव के काम सिंह, महावीर सिंह,भोपाल सिंह खिलाप सिंह, राहुल सिंह, हरेंद्र सिंह आदि ने अन्य ग्रामीणों को प्रसूता बीमार महिला को डंडी के सहारे मोटर सड़क तक पहुंचाने और फिर चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए अन्य ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने में विशेष सहयोग किया।
इस लोकसभा चुनाव में सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने किया था चुनाव बहिष्कार पिछले महीनों संपन्न हुआ लोकसभा आम चुनावों के दौरान बलाण तक पीएमजीएसवाई के तहत स्वीकृत मोटर सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग को लेकर बलाण गांव के मतदाताओं ने पूण रूप से चुनाव बहिष्कार किया था।युथ कांग्रेस के थराली विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष प्रदीप दानू ने बताया कि सड़क स्वीकृत के 6 माह बाद भी जब सड़क निर्माण का कार्य शुरू नही हुआ तो मजबूरन ग्रामीणों को पूण बहिष्कार के लिए मजबूर होना पड़ा था,आज भी सड़क निर्माण का कार्य शुरू नही हुआ जिससे ग्रामीणों में शासन, प्रशासन के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। और ग्रामीण प्रसूत महिलाओं बीमार बुजुर्ग महिलाओं, एवं पुरुषों को डंडीयों के सहारे उपचार के लिए लेजाने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं।