रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी/उत्तराखंड समाचार
देहरादून: उत्तराखंड के प्रधान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा पंचायती राज निदेशालय देहरादून में एक राज्य एक चुनाव के तर्ज पर त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। बताते चलें कि उत्तराखंड में प्रधानों का पंचवर्षीय कार्यकाल आगमी सितम्बर माह तक संपन्न होने जा रहा है, जैसे ही कार्यकाल समाप्ति का समय नजदीक आने लगा वैसे ही प्रधान संगठनों को भी अपने कार्यकाल बढ़ाने की याद आने लगी है। वही बीते 13 दिनो से प्रधान संगठनों का धरना प्रदर्शन चल रहा है जिसके तहत गांधी पार्क में ग्राम स्वराज प्रेणता शांति दूत राष्टपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष त्रिस्तरीय पंचायत संगठन द्वारा प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक भूख हड़ताल के पश्चात सीटी मजिस्ट्रेट देहरादून को ज्ञापन दिया गया,साथ ही 28 जुलाई 2024 से धरना प्रदर्शन स्थल पर अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन प्रारंभ किये जाने की बात कही गई है।
आपको बताते चलें कि उत्तराखंड के प्रधान संगठनों का कहना कि हमारे कार्यकाल के शुरुआती दो साल कोरोना महामारी के चलते शून्य रहे जिससे हमे विकास कार्यों को करने का पूरा अवसर नहीं मिल पाया है, लियाजा सरकार प्रधानों के कार्यकाल को दो वर्ष बढ़ाकर विकास कार्यों को पुर्ण करने का मौका दे। तो वही प्रधान संगठनों के प्रतिनिधियों का अब यह भी कहा है कि “एक राज्य एक चुनाव”की तर्ज पर उत्तराखंड में प्रधानों के चुनाव हों। वही सामाजिक और राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो कोविड महामारी पूरे देश में फैली थी,इसमें केद्र सरकार,राज्यों की सरकारों के साथ साथ नगर निगमों एवं आम जनमानस को भी इस महामारी से गुजारना पड़ा था। हालाकि कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि “एक राज्य एक चुनाव” का प्रावधान अभी तक विचाराधीन है, इसके लिए देश की संसद के साथ साथ चुनाव आयोग,एवं संविधान पीठों की बैठकों और गहन विचार मंथन के बाद संविधान के प्रावधानों में बदलाव करने के उपरांत सम्भव है, प्रधानों संगठनों की मांगों पर अधिकतर लोगों का मानना है कि राज्य में 13 जिले है, जबकि 12 जिलों में पंचायत चुनाव एक साथ होते हैं, ओर हरिद्वार जिले में अलग हुए है,, जबकि एक जनपद हरिद्वार के लिए 12 जिलों के चुनावी प्रक्रिया को नही बदला जा सकता है। इसका निर्णय भी केविनेट से लेकर चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार सम्भव हो सकेगा। अब देखना होगा कि सरकार,पंचायती राज विभाग,चुनाव आयोग का क्या जवाब आता है,और प्रधानों की मांगों का कितना असर दिखाई देता है, यह आने वाले कुछ दिनों में ही साफ़ हो पायेगा। भूख हड़ताल में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल,संयोजक जगत मार्तोलिया,रघुवीर सिंह सजवान (जिला पंचायत सदस्य) प्रदेश प्रमुख अध्यक्ष डॉक्टर दर्शन सिंह दानू,प्रदेश अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य संघठन डॉक्टर प्रदीप भट्ट,दुगड्डा ब्लॉक प्रमुख रुचि केंतुरा,ब्लॉक प्रमुख भिलंघना वसुमति घनाता,जिला अध्यक्ष प्रधान संग रुद्रप्रयाग देवेंद्र भंडारी,देवेंद्र सिंह नेगी छिनका,शुशील रतूड़ी,दिनेश भजनियाल अध्यक्ष प्रधान संघठन भिलंघना,धर्म दत्त डिमरी,भारती रावत हरेंद्र जग्गी,निर्मला नेगी राठौर कालसी,विनोद बिजलवान,विनोद सिंह राणा खटीमा,उषा देवी,द्रोपति देवी खटीमा,महेश कुकरेती मीनू छेत्री,राजेन्द्र रावत ,सुनय इत्यादि उपस्थित रहे।