ब्यूरो रिपोर्ट। अल्मोड़ा जनपद के विकासखण्ड द्वाराहाट से एक बड़ी खबर सामने आई है, यहां द्वाराहाट निकतवर्ती तल्ला कौला निवासी अनिल हर्बोला भारतीय तटरक्षक के अपर महानिदेशक बन गए हैं। तीन वर्षों तक उत्तर पश्चिम क्षेत्रीय कमांड गुजरात में महानिरीक्षक के पद में तैनात थे। अब वह पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने के लिए सोमवार को मुंबई में विधिवत पदभार ग्रहण करेंगे। उनकी कामयाबी पर पूरे द्वाराहाट क्षेत्र में खुशी की लहर है। आपको बता दे कि गवर्मेंट इंटर कॉलेज द्वाराहाट से बारवी करने के बाद अनिल ने कुमाऊं विवि नैनीताल से भौतिक विज्ञान की परीक्षा परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की, उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद अगला लेख 1989 में वह भारतीय तटरक्षक बल में चुन लिए गए। 1997 में तटरक्षव पोत ताराबाई के कमान अधिकारी के रूप में अनिल हर्बोला ने समुद्री लुटेरों का 750 किमी तक पीछा करते हुए उन्हें पकड़ लिया तथा उनसे अपहृत मरचेंट शिप को छुड़ा लिया। इस वीरतापूर्ण कार्य के लिए उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें तटरक्षक पद से नवाजा। आईजी पद पर रहते हुए भी गुजरात एटीएस के साथ मिलकर 12 आपरेशन में 3313 करोड़ के मादक पदार्थ जब्त किया और 211 घुसपठियों को गिरफ्तार किया। वही अनिल के परिवार में पत्नी कविता जोशी और दो पुत्रियां हैं। बड़े भाई मनोज हर्बोला आईआईटी कानपुर में भौतिकी के प्राचार्य हैं।उनकी इस वीरता के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें तटरक्षक पद से सम्मानित किया। आईजी के रूप में गुजरात एटीएस के साथ मिलकर उन्होंने 12 ऑपरेशनों में 3313 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए और 211 घुसपठियों को गिरफ्तार किया। उन्होंने होवरक्राफ्ट सहित तटरक्षक के सभी प्रकार के पोतों के संचालन का भी प्रशिक्षण लिया और उनकी कमान भी संभाली। अनिल तटरक्षक के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके हैं।वह महाराष्ट्र के तटरक्षक कमांडर, महानिदेशक सलाहकार, पश्चिम तटरक्षक क्षेत्र कमांडर के मुख्य स्टाफ अधिकारी, अंडमान एवं निकोबार तटरक्षक कमांडर के स्टाफ प्रमुख भी रहे। तटरक्षक पोत ताराबाई के कमान अधिकारी के रूप में तैनाती के दौरान उन्होंने अपहृत जापानी मर्चेंट जहाज अलौंड्रा रेनबो को समुद्री तस्करों से मुक्त कराया था। उन्हें राष्ट्रपति से वीरता का तटरक्षक पदक भी मिल चुका है। तटरक्षक महानिदेशक से उन्हें इसके लिए प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। अमेरिका स्थित अंतरराष्ट्रीय मैरीटाइम स्कूल के विद्यार्थी रहे अनिल ने हैदराबाद स्थित रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय दिल्ली से मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज और मास्टर ऑफ फिलोसॉफी की उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में और मद्रास विश्वविद्यालय से सुरक्षा और सामरिक अध्ययन में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की है। अधिकारी यूएस कोस्ट गार्ड के इंटरनेशनल मैरीटाइम ऑफिसर्स स्कूल, यॉर्क टाउन, वर्जीनिया, कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, सिकंदराबाद और नेशनल डिफेंस कॉलेज नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। वह डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्चनई दिल्ली से एक योग्य साक्षात्कार अधिकारी (IO) भी हैं। अनिल को अपनी मातृभूमि से गहरा लगाव है। वह छुट्टी लेकर समय समय पर तल्ला कौला स्थित पैतृक गांव आते रहते हैं। अनिल के पिता स्व. नंदकिशोर हर्बोला स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत रहे। माता देवकी हर्बोला गांव में ही रहती हैं।. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं।)