फोटो- भूस्खलन की जद मे आया रैणी गाॅव।
02– चटटान तोडकर बदरीनाथ हाई वे खेालते हुए ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। मूसलाधार वारीश से जनजीवन हुआ अस्त-ब्यस्त। रैणी गाॅव के ग्रामीण भयभीत होकर गाॅव छोडने को विवश। रैणी मे भूस्खलन व मकानो मे दरारे पडने से सहमे है ग्रामीण। रैणी मे अवरूद्ध स्थल पर रविबार को छठेे दिन नई कटिंग का कार्य शुरू हो पाया। रैणी ब्रिज का खतरा अब भी बरकरार। बदरीनाथ हाईवे अभी भी बन्द।
बीती 17जून से लगातार हो रही मूसलाधार वारीश से पूरे सीमान्त क्षेत्र का जनजीवन अस्त-ब्यस्त हो गया है। मुख्य सडको के साथ ही ग्रामीण सडको का भी संपर्क कट चुका है जबकि कई क्षेत्रों मे भूस्खलन होने से खेत-खलिहानो को भारी नुकसान की खबरे आ रही है। इस बार की वारीश नीती घाटी के चिपको आंन्दोलन की धरती रैणी मे आफत बन कर टूट रही है। यूॅ तो 7फरवरी के जलजले के बाद से रैणी मे भूस्खलन शुरू हो गया था। और तब भी समय-समय पर शासन-प्रशासन से ग्रामीणों द्वारा संपर्क किया गया। लेकिन गत 14जून को रैणी मे सडक घ्वस्त होने के बाद रैणी वल्ली गाॅव के खेतो व मकानो मे दरारे और चैडी होती गई। अपनी जानमाल की सुरक्षा की गारंन्टी दिए जाने की मांग करते हुए ग्रामीण ने अवरूद्ध सडक को खोलने का कार्य भी कई दिनो तक बाधित किया। हाॅलाकि प्रशासन के अधिकारियो के साथ ही मुख्य मंत्री की ओर से बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट के आश्वासन के बाद सडक खोलने का कार्य किसी तरह शुरू हो पाया। लेकिन लगातार वारीश ने रैणी के ग्रामीणो का जीना दूभर कर दिया है।
प्रधान संगठन चमोली के महामंत्री पुष्कर सिंह राणा ने प्रशासन पर ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगो की अस्थाई ब्यवस्था की गई है जो पर्याप्त नही है। उनका कहना था कि गाॅव के नीचे ही भूस्खलन से खाई बनी है जिसके कारण ग्रामीण दहशत मे है, और अधंेरा होते ही जंगलो की ओर या अन्य गाॅव मे शरण लेने को विवश हो रहे है। श्री राणा ने कहा कि यदि प्रशासन ने इस ओर ध्यान नही दिया तो रैणी के ग्रामीण सडक किनारे जहाॅ भी सुरक्षित स्थान मिलेगा वहाॅ अपने मवेशियो व परिवार के साथ टेण्ट गाड कर जीवन बचाने के लिए विवश होगे।
इधर जोशीमठ-बदरीनाथ हाई वे भी कई स्थानो पर अवरूद्ध है। कंचन गंगा मे अवरूद्ध सडक को तो खोला गया लेकिन रडाग के साथ ही बलदौडा मे भी अभी मार्ग बंन्द हैं। भारी वारीश ने जोशीमठ के मारवाडी से माणा तक सडक को अत्यधिक नुकसान पंहुचाय हैं, जगह-जगह सडक धॅसी है और दीवाले नदी मे समा गई है।