फोटो- वीएडीपी के तहत बदरीनाथ धाम मे हुए विकास कार्यं ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ।
सीमावर्ती विकास खंण्डो में अब मुख्यमंत्री बार्डर एरिया डेवलेपमेंन्ट प्रोग्राम के तहत भी विकास कार्य कराए जा सकेगें। पहली बार शुरू हुई इस योजना मे अब बार्डर एरिया के गाॅवों के अलावा निचले इलाकों के गाॅवों मे भी विकास कार्य हो सकेगे।
भारत-चीन तथा भारत-नेपाल सीमाओं से सटे सीमावर्ती विकास खंण्डो मे यूॅ तो केन्द्र सरकार द्वारा बार्डर एरिया डेवेलेपमेन्ट प्रोग्राम के तहत विभिन्न विकास कार्यो के लिए धनराशि अवमुक्त की जाती है, इस धनराशि से बार्डर एरिया से सटे 10किमी क्षेत्र के गाॅवों मे योजना को मूर्तरूप दिया जा सकता है, केन्द्रीय मद से नीती-माणा घाटियों के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम मे भी अनेको विकास कार्य किए गए है।
अब पहली बार उत्तराखंण्ड सरकार ने बार्डर एरिया के संपूर्ण विकास खंण्डो को इस योजना मे सम्मलित करने के लिए मुख्यमंत्री बार्डर एरिया डेवलेपमेन्ट प्रोग्राम शुरू किया है। पहली बार शुरू हई इस योजना के तहत सीमान्त विकास खंण्ड के निचले इलाको के गाॅवों तपोवन, ढाक, कुण्डीखोला, जखोला, उर्गम-कल्पेश्वर, देवग्राम, द्वींग-तपौण, अरूडी-पटूडी, पैनी व रैणी आदि मे विभिन्न विकास कार्यो के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है,इसी मद से चिपको की धरती रैणी मे ’’चिपको आंन्दोलन थीम पार्क’’ का निर्माण भी किया जाऐगा।
जनपद चमोली के परियोजना निदेशक प्रकाश रावत के अनुसार केन्द्र से जारी बार्डर एरिया डेवलेपमेन्ट प्रांेग्राम के तहत अवमुक्त धनराशि को बार्डर एरिया के ही गाॅवों मे ही ब्यय करने की बाध्यता है, लेकिन अब मुख्यमंत्री बार्डर एरिया डेवलेपमेन्ट प्रोग्राम शुरू होने से सीमान्त विकास खंण्ड जोशीमठ के निचले इलाकों के गाॅव भी कवर हो सकेगे।












