फोटो- गढवाल सांसद तीरथ रावत को ज्ञापन देते क्षेत्र प्रमुख हरीश परमार ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पैनंखडा संघर्ष समिति के संरक्षक कामरेड भरत सिंहं कुॅवर ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान गढवाल सासंद को ज्ञापन दिया। सांसद को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2016 में राज्य सरकार द्वारा पैनंखडा समुदाय को ओबीसी का आरक्षण दिया गया। लेकिन अभी तक पैनंखडा समुदाय को केन्द्रीय ओबीसी की सूची मे दर्ज नही कराया जा सका। जबकि पैनंखडा संघर्ष समिति के स्तर से प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तक पत्राचार किया है। वावजूद इसके अभी तक भी सूची मे दर्ज नही हो सका। ज्ञापन मे यथाशीध्र पैनंखडा समुदाय को ओबीसी की केन्द्रीय सूची मे दर्ज करवाने की मंांग की गई।
नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शेष धनराशि को अवमुक्त कराने, के साथ ही विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र औली को पर्यटन सुविधा युक्त केन्द्र के रूप मे विकसित करने की मांग की है। ज्ञापन मे कहा है कि औली का समुचित विकास न होने के कारण यहाॅ आने वाले पर्यटकों को भी असुविधा का सामना करना पड रहा है। जोशीमठ-औली मोटर मार्ग संकरा होने के साथ-साथ बर्फबारी होने की दशा मे बर्फको हटाने के लिए कोई आधुनिक उपकरण भी नही है जिसके चलते पर्यटक अपने वाहनो से औली तक नंही पंहुच पा रहे है। इसके अलावा औली मे पार्किंग की भी समुचित ब्यवस्था नही है। पालिकाध्यक्ष ने सांसद गढवाल से औली के प्रति विशेष ध्यान दिए जाने का आग्रह किया है।
क्षेत्र प्रमुख हरीश परमार द्वारा दिए गए ज्ञापन मे प्रख्ंाड मे पीएमजीएसवाई द्वारा स्वीकृत संडको पर शीध्र कार्य प्रांरभ किए जाने, पंच बदरी व पंच केदारो मे एक कल्पेश्वर उर्गम, रूद्रनाथ व वंशीनारायण को पर्यटन हब के रूप मे विकसित करने, नीती घाटी मे स्थित बाबा बर्फानी-टिम्मरसंैण महादेव की शीतकालीन यात्रा की ब्यवस्था किए जाने, नीती-माणा घाटियों से कैलाश मानसरोवर यात्रा व दो तरफा ब्यापार शुरू कराने, नीती घाटी व दूरस्थ क्षेत्र डुमक-कलगोठ, किमाणा आदि को संचार सुविधा से जोडने, सहित अनेक मांगो को पूरा करने की मंाग की गई। क्षेत्र प्रमुख द्वारा दिए गए इस ज्ञापन मे विकास ख्ंाड मुख्यालय जोशीमठ मे पंचायत प्रतिनिधियो हेतु एक हास्टल निर्माण की स्वीकृति दिलाए जाने का आग्रह करते हुए प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र पैंग-मुरण्डा झूला पुल जो 2005मे स्वीकृत हुआ था और ठेकेेदार द्वारा इस पुल निर्माण पर पचास लाख रूपया ब्यय होना दिखाया गया है लेकिन पुल आज तक भी नहीं बन सका ज्ञापन मे उक्त ठेकेदार कार्यदायी विभाग पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की गई है।