उर्गम। पांडव नृत्य का आयोजन उरगम घाटी में होता रहा, प्रथम दिवस में गैंडा वध, दूसरे दिन श्री कल्पेश्वर कल्प गंगा में स्नान करने के बाद पांडवों ने अपने पितरों का तर्पण करने के बाद श्री कल्पेश्वर धाम दर्शन किया। स्वयं भगवान कृष्ण इस यात्रा में सम्मिलित रहे।
वर्षों के बाद यह आयोजन होता है। क्षेत्र में खेती एवं पशु सुरक्षा संपदा सुरक्षा के लिए यह आयोजन किया जाता है। भक्तों ने भव्य ढंग से पांडवों की पूजा की पूजा के बाद भोजन ग्रहण किया। आज कल्पेश्वर यात्रा के बाद मल्या महल में भोजन के उपरांत देवखोला पहुंची। वहां पर नृत्य गायन के कार्यक्रम को जारी रखा गया। कार्यक्रम में धर्मराज युधिष्ठिर के पात्र के रूप में भगवान सिंह 82 वर्षीय, अर्जुन चंद्र प्रकाश सिंह पंवार, भीम पात्र के रूम में दरबान सिंह, सहदेव के पात्र महेंद्र सिंह, नकुल दिलवर सिंह, नागार्जुन हरि सिंह नेगी, 65 वर्षीय बवरिक नारायण सिंह चौहान उम्र 65 वर्ष, तिल मिल प्रताप सिंह रावत, अग्निबाण अमर सिंह पवार उम्र 75, भगवान कृष्ण मूषक वाहन इंदर सिंह सजवाण, मालिया फुलारो जलोदा, जागर वेता शिव सिंह चौहान 75, पांडवों का फूल इकट्ठा करने वाला एवं साज सज्जा करने वाला एक तरह का माली, द्रोपदी बूंदा देवी, तील मिली बच्ची देवी उम्र 70, वसुंधरा अग्नि वाण सुदामा देवी 80 वर्ष, बवरिकी गोविंद देवी, उछमा नागिनी मनोला, सुभद्रा राधा देवी उम्र 70, लखमा कमला देवी उम्र 62 वर्ष, नकली रामेश्वरी देवी उम् 56, नौक अर्जुनी सुरेशी उम्र 75, लोहार लोरिंन नारायण प्रकाश, काली माता मांगीलाल उम्र 80 वर्ष, स्वर्ग बिजौली इंदिरा देवी उम्र 73 आदि पात्र पांडव लीला में हैं।
ढोल वादक वादाको यह भूमिका होती है ढोल वादक गोपाल, प्रेम लाल, गोपाल प्रेमलाल, दीपक आदि समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत गाड़ियां कुंवर सिंह चौहान, कोषाध्यक्ष रघुवीर सिंह, अवतार सिंह पंवार, कुंवर सिंह नेगी, भगवान सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि।
लक्ष्मण सिंह नेगी रिपोर्ट