थराली से हरेंद्र बिष्ट।
चतुर्मास से पहले ही हुई बे मौसमी बारिश के चलते देवाल ब्लाक के ओडर गांव के ग्रामीण एक बार फिर से ब्लाक मुख्यालय सहित क्षेत्र के अन्य भागों से कट गया है। अब इस गांव के ग्रामीणों को 5 से 7 किमी अतिरिक्त पैदल रास्ता तय कर सड़कों तक पहुंचना पड़ेगा।
दरअसल 2013 की आपदा में ओड़र गांव के लिए जिला पंचायत चमोली के द्वारा निर्मित झूला पूल पिंडर नदी की भेंट चढ़ गया था।तब से आज तक इस पुल का निर्माण नही हो पाया हैं। लोनिवि थराली ने पिंडर नदी को आर.पार करने के लिए ओड़र गांव के लिए एक इलेक्ट्रिक ट्राली स्थापित की हुई है, जोकि आमतौर पर बरसात के चार से पांच महीने ही चलती है। शेष 7.8 माह ग्रामीण श्रमदान के जरिए ओड़र-गमलीगाड़ के बीच पिंडर नदी में लकड़ी का अस्थाई पुल डाल कर अपने आवागमन को सुगम बनाए हुए हैं।
इन दिनों अचानक हो रही बे मौसमी भारी बारिश के कारण अचानक से पिंडर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिससे आज गुरुवार की दोपहर नदी पर बना लकड़ी का अस्थाई पुल नदी की भेंट चढ़ गया है। ओड़र, लिगडी के क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गड़िया ने बताया कि अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण श्रमदान एवं अन्य जरिए बनायें गए। लकड़ी के पुल के बहाने के कारण ओड़र गांव के ग्रामीणों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अस्थाई पुल के नदी की भेंट चढ़ जाने की उन्होंने लोनिवि थराली को सूचना दे दी है। उन्होंने लोनिवि से स्थापित इलेक्टिक ट्राली को शुरू किए जाने की मांग की है।












