रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
जनपद रुद्रप्रयाग के रानीगढ़ क्षेत्र मे राजकीय इंटर कालेज का भवन 2006 से आजतक नहीं हो पाया तैयार. हम आपको जर्जर स्कूल भवन की तस्वीरे दिखा रहे हैं। आपको बताते चलें कि विकास खण्ड अगस्त्यमुनि के रानीगढ़ में राजकीय इंटर कालेज के भवन निर्माण के लिए वर्ष 2006 में 84.05 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई थी, साथ ही उतर प्रदेश निर्माण निगम को इसका ठेका दिया गया था, मगर 2009 में उत्तरप्रदेश निर्माण निगम ने अपने हाथ खड़े करते हुए इस भवन निर्माण को अधूरा छोड़ दिया।
वही स्थानीय लोगों का आरोप है कि लगातार इस स्कूल के भवन निर्माण को लेकर शासन प्रशासन को लिखित व मौखिक रूप में अवगत करते आ रहे हैं। मगर 15 साल पूरे होने के बाद भी आजतक किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। जबकि यहाँ पर 150 से 200 छात्र.छात्राएं अध्ययनरत हैं।
अब सवाल उठाना भी लाजमी है कि सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार के बड़े दावे वादे जमीनों से कोषों दूर नजर आ रहे हैं, चमकोट इण्टर कॉलेज में खस्ता हाल भवन इसका जीता जागता उदाहरण है।
जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी चित्रानन्द काला ने बताया कि विभाग के द्वारा लगातार शासन को पत्राचार किया जा रहा है। अब 2 करोड़ 24 लाख, 44हजार की धनराशि का बजट शासन को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया है। उम्मीद है जल्द ही धनराशि स्वीकृत होने वाली है औरे चमकोट इंटर कालेज के भवन का निर्माण पूरा होगा।
गढ़वाल विश्व विधालय के छात्र संघ महासचिव प्रदीप सिंह रावत ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है हम पर्वतीय ग्रामीणों का, कि हमें आज भी शिक्षा के मंदिर की जर्जर हालतों के लिए दर.दर भटकना पड़ रहा है। सरकारें झूठे बड़े.बड़े दावे करके पहाड़ के नोनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही हैं। चमकोट इंटर कालेज के वर्तमान भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए यहॉ पढाई करना भी पहाड़ जैसा खतरनाक बना हुआ है बारिश का आधा पानी क्लास रूमो मे टपकता हैएतो वही टीन की छत होने से बन्दरो का आतंक पढाई मे ओर भी व्यवधान कर देते हैएउन्होंने कहा कि जल्द ही शिक्षामंत्री व मुख्यमंत्री इस पर निर्णय नही लेते है तो हम सब आने वाले विधानसभा चुनावो का बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।
आखिर ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, जिला पंचायत सदस्यों से लेकर विधायक, सांसद क्यों जमीनी स्तर पर निगरानी नहीं रखते, यही बड़े कारण हैं गाँवों से पलायन होने के।