व्यक्तियों व संस्थाओं को आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करने, नवाचार सुनिश्चित करने व किये गये कार्यों के लिये सम्बन्धितों को सम्मानित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एनडीएमए भारत सरकार के द्वारा स्थापित सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन पुरस्कार वर्ष 2020 के लिये संस्थागत श्रेणी के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र डीएमएमसी को दिया गया है।
यह पुरस्कार जनवरी 23, 2022 को नई दिल्ली स्थित प्रधान मंत्री आवास में आयोजित समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे। डीएमएमसी के अधिशासी निदेशक डा पीयूष रौतेला इसे ग्रहण करेंगे। प्रशस्ति पत्र के अतिरिक्त उक्त के अन्तर्गत रु 51.0 लाख की धनराशि पुरस्कार स्वरुप दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि डीएमएमसी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाला राज्य सरकार का अकेला संस्थान है और डीएमएमसी को यह पुरस्कार आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में किये गये विश्वस्तरीय शोध, खोज एवं बचाव तथा भूकम्प सुरक्षित भवन निर्माण प्रशिक्षणों और आपदा जागरूकता हेतु किये गये अभिनव प्रयोगों के लिये दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि डीएमएमसी के द्वारा जहाँ एक ऒर विशेष रूप से उत्तराखण्ड क्षेत्र की परम्परागत आपदा सुरक्षा विधियों तथा अवसंरचनाओं की भूकम्प सुरक्षा पर विश्वस्तरीय शोध किया गया है तो वही दूसरी ऒर जन जागरूकता के लिये हिंदी के साथ साथ कुमाँऊनी व गढ़वाली में रोचक व अत्यन्त मनोरंजक साहित्य व फ़िल्मों का विकास किया गया है।
डीएमएमसी देश का अकेला ऐसा संस्थान है, जिसके द्वारा बनायी गयी फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित होने के बाद देश भर में व्यावसायिक रूप से मल्टीप्लेक्स व सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गयी है। वास्तविक जीवन में मूक बधिर 13 बच्चों द्वारा अभिनीत और आपदा पूर्व तैयारी, असमर्थता पर विजय व सामाजिक समाविष्टता का सन्देश देती तथा महेश भट्ट द्वारा निर्देशित इस फिल्म दि साइलेंट हीरो का लोकार्पण दिसम्बर 11, 2015 को किया गया था।