पौड़ी। जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे के दिशा निर्देश पर जनपद मुख्यालय पर आपदा से पूर्व तैयारी को लेकर एक दिन का पूर्वाभ्यास किया गया है। मॉकड्रिल कार्यक्रम के तहत कंडोलिया मैदान पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहां से तीन स्थानों पर घटित तीन विभिन्न घटनाओं का सीनरियों बनाकर अभ्यास किया गया है।
पूर्वाभ्यास से पहले जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी. रेणुका देवी ने स्टेजिंग एरिया का निरीक्षण कर मौजूद उपकरण की जानकारी लेते हुए, मॉकड्रिल हेतु तैयार टीम के तीनों इंसीडेन्ट कमाण्डर से राहत एवं बचाव के कार्यो के बारे में जानकारी लेते हुए उन्हे कार्य संपादन के महत्वपूर्ण टिप्स दिये।
इसके बाद जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला सूचना अधिकारी आपदा परिचाल कन्ट्रोल रूम पौड़ी, पहुंचे जहां उन्होने स्पाॅट से आने वाले सूचना एवं संपादित कार्यो के बारे में जानकारी ली। जबकि जिलाधिकारी ने राहत एवं बचाव कार्यो की समय समय पर नवीनतम जानकारी लेते हुए, आवश्यक दिशा निर्देश दिये। वहीं स्टेजिंग एरिया को कमान अपर जिलाधिकारी ने संभालते हुए माॅकड्रिल कार्य को सफलता पूर्वक संपादित किया।
जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी एवं संबंधित अधिकारी मॉकड्रिल कार्यक्रम के समापन अवसर पर कंडोलिया मैदान पर पहुंचे, जहां उन्होने सभी टीम से कार्यानुभव की जानकारी लेते हुए, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने डा0 जोगदण्डे कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा के दृष्टिगत संवेदनशीलता बनी रहती है, जिसके क्रम में घटनाओं को लेकर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल का उद्देश्य यह है कि जिला प्रशासन के साथ विभिन्न विभाग की आपदा घटनाओं से निपटने के लिए कितनी तैयारियां हैं।
उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल के द्वारा यह पता आसानी से लगाया जा सकता है कि प्रशासन के पास कितने अधिकारी रिस्पांस अफसर के रूप में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि मैन पावर के साथ-साथ आपदा राहत कार्यों के बचाव के लिए उपकरण अपग्रेड हैं या नहीं। कहा कि मॉक ड्रिल में तैनात किए गए विभागों के टीम लीडर प्रशासन को जानकारी देंगे कि आपदा की घटनाओं से निपटने के लिए और किन किन उपकरणों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास कितने टीम लीडर हैं जो आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्य को आसानी से संपादित कर सकेंगे। उन्होंने आवश्यक उपकरणों की सूची बनाकर अपर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में सबसे ज्याद परेशानी घटना स्थल तक पहुंचने में होती है। यही नहीं घटना स्थल तक पहुंचने के बाद राहत कार्य में जुटी टीम के सामने सबसे बड़ी समस्या वहां पर बुनियादी सुविधाओं को जुटाना है। जिसमें सबसे अधिक समय लगता है। कहा कि आपदाओं की घटना के समय मोबाइल फोन के बजाए रेडियो सेट का उपयोग किया जाना आवश्यक है।
कहा कि टीम लीडर अपनी अपनी टीमों की पहचान करने के लिए ड्रेस कोड का आवश्यक रूप से इस्तेमाल करें। यही नहीं उन्होंने कहा कि राहत बचाव टीम को आई कार्ड और उसमें उस व्यक्ति की जिम्मेदारी अवश्य अंकित की जानी चाहिए। राहत और बचाव कार्य में तैनात अधिकारियों को जिम्मेदारी के अनुसार ही उन्हें घटनास्थल पर तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचने के लिए इंसीडेंट कमांडर की जिम्मेदारी सबसे अहम है। घटनास्थल पर कितने लोगों की आवश्यकता है इसी के अनुसार टीम का गठन किया जाना चाहिए। इंसिडेंट कमांडर को घटनास्थल पर पहुंचकर जरूरी उपकरणों के साथ मैन पावर की जरूरत के अनुसार ही टीम का बैकअप तैयार किया जाना चाहिए। तभी राहत और बचाव कार्य के लिए संचालित अभियान सफल हो पाएगा।
साथ ही उन्होंने राहत और बचाव टीमों के साथ एक-एक दक्ष कार्मिक को डॉक्यूमेंटेशन के लिए रखने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे ने नगरपालिका वन विभाग राजस्व ग्राम पंचायत व पंचायत राज विभाग को हर ग्राम पंचायत में आपदा के राहत व बचाव उपकरणों के लिए एक डिपो तैयार करने के निर्देश। जिसमें गैंती, फावड़ा, स्टेचर, टैंट लाइट, टार्च आदि उपकरण होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की मॉक ड्रिल में बेहतरीन कार्य करने वाले कर्मचारियों को दूसरी मॉक ड्रिल में और अधिक बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने अपर जिलाधिकारी को जनपद में सभी इंसिडेंट कमांडरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
जिससे योग्य और कुशल अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों के लिए इंसीडेंट कमांडर के तौर पर चयनित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद के पुलिस विभाग के क्षेत्राधिकारी, निरीक्षक व उपनिरीक्षक, तहसीलदार, ई.ई. व एई लोनिवि समेत आदि विभागों के अधिकारियों को इंसिडेंट कमांडर के रूप में तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरी मॉक ड्रिल में लैंसडाउन के आर्मी जवानों को भी शामिल किया जाएगा।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी. रेणुका देवी ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राहत और बचाव कार्यों में आपसी समन्वय का होना जरूरी है। जिससे टीम भावना के साथ सौंपे गए दायित्व को सफलता से हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल आपदा की घटनाओं में राहत और बचाव कार्यों को और अधिक सुगमता से करने के लिए किया जाता है।
इसी के तहत जरूरी उपकरणों और मेन पावर की भली-भांति परीक्षा भी होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के माध्यम से अपनी कमियों को भी दूर करने का अवसर भी मिलता है। उन्होंने कहा कि बचाव दल को सर्वप्रथम घटनास्थल पर पहुंचना और ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में मिलजुल कर कार्य करना भी मॉकड्रिल का हिस्सा है।इस अवसर पर डीएफओ मुकेश शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, अपर जिलाधिकारी डा0 एस के बरनवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 मनोज शर्मा, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, आपदा प्रबंधन अधिकारी दिपेश चन्द्र काला, डीपीआरओ एम.एम. खान, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अशोक तोमर और उपजिलाधिकारी सदर श्याम सिंह राणा सहित अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारी व तीनों टीम के इंसिडेट कमाण्डर सहित दल उपस्थित थे।
माॅकड्रिल के दौरान टीमों द्वारा संपादित कार्यो की जानकारी इस प्रकार है,घटना-। में काॅलर सुनील कुमार द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिकारी, पौड़ी को समय प्रातः 11:10 बजे अपने व्यक्तिगत मोबाइल नम्बर से सूचना दी गई कि कण्डोलिया के समीप रांसी मार्ग पर भूस्खलन हो गया है। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल आई.आर.एस. सिस्टम के अन्तर्गत स्टेजिंग एरिया कण्डोलिया मैदान को तत्काल क्रियाशील किया गया स्टेजिंग ऐरिया मैनेजर के रूप में उपजिलाधिकारी, पौड़ी को नामित करते हुये उपजिलाधिकारी पौड़ी के द्वारा घटना के प्रबन्धन हेतु प्राप्त होने वाली राहत सामग्री व उपकरणों को स्टेजिंग एरिया में सुव्यवस्थित करते हुये घटना स्थल से प्राप्त होने वाली मांग के अनुसार राहत सामग्री घटना स्थल हेतु भेजी गई।
घटना घटित की सूचना प्राप्त होते ही स्टेजिंग एरिया से तत्काल राहत बचाव दल समय प्रातः 11:12 बजे घटना स्थल हेतु रवाना किया गया किन्तु कण्डोलिया के निकट मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव दल घटना स्थल हेतु पैदल चला जो कि समय प्रातः 11:30 बजे घटना स्थल पर पहुंचा एवं राहत कार्य आरम्भ किया गया। मोटर मार्ग खोले जाने हेतु तत्काल जे.सी.बी. की मांग की गई। स्टेजिंग एरिया मैनेजर द्वारा तत्काल जे.सी.बी. मशीन भिजवाते हुये समय प्रातः 11:45 बजे मोटर मार्ग यातायात हेतु खोला गया। समय प्रातः 11:50 बजे घटना स्थल से एम्बुलैंस की मांग की गई स्टेजिंग एरिया तत्काल मौके हेतु एम्बुलैंस रवाना की गई जो कि समय अप. 12:15 बजे घटना स्थल पर पहुंची।
बचाव दल द्वारा समय 01:14 बजे वाहन में सवार 02 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर निकाला गया रेस्क्यू कर निकाले गये व्यक्तियों में 01 व्यक्ति सामान्य तथा 01 व्यक्ति गम्भीर घायल हुआ था सामान्य घायल को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया तथा गम्भीर घायल को मौके पर प्राथमिक उपचार देते हुये उपचार हेतु जिला चिकित्सालय भेजते हुये रेस्क्यू कार्य समाप्त कर दिया गया। घटना-बी में कण्डोलिया से लगभग 1-2 किमी0 आगे टेका रोड़ पर वाहन दुर्घटना से सम्बन्धित दर्शायी गई जिसमें कि समय प्रातः 11:27 बजे पुलिस कन्ट्रोल रूम द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त मार्ग पर वाहन संख्या-यू0के0 12 टी0ए0-0945 अनियन्त्रित होकर लगभग 100 मीटर गहरी खाई में गिर गया है जिसमें कि 02 व्यक्ति मृतक एवं 03 व्यक्ति घायल बताया जाना अवगत कराया गया।
सूचना प्राप्त होने पर पुलिस कन्ट्रोल रूम द्वारा घटना स्थल हेतु बचाव दल भेजे जाने हेतु अवगत कराया गया। स्टेजिंग एरिया मैनेजर द्वारा तत्काल घटना स्थल हेतु समय प्रातः 11:30 बजे राहत बचाव टीम भेजी गयी जो कि प्रातः 11:45 बजे घटना स्थल पर पहुंची एवं राहत बचाव कार्य प्रारम्भ किया गया। घटना स्थल में मौजूद व्यक्तियों के द्वारा दुर्गघटनाग्रस्त वाहन में 02 व्यक्तियों के सवार होने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया रेस्क्यू आॅपरेशन के दौरान समय समय अप0 12:06 बजे एम्बुलैंस की मांग की गई जोकि स्टेजिंक एरिया द्वारा त्तकाल घटना स्थल हेतु भेजी गई जो कि अप. 12:20 बजे पहुंची। राहत बचाव दल द्वारा समय अप0 12:16 बजे 02 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर निकालते हुये रेस्क्यू कार्य समाप्त किया गया। वाहन में सावार 02 व्यक्तियों में से 01 व्यक्ति सामान्य रूप से घायल हुआ था जिसे कि घटना स्थल पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया तथा 01 व्यक्ति जो कि गम्भीर रूप से घायल था उसे मौके पर प्राथमिक उपचार प्रदान करते हुये एम्बुलैंस के माध्यम से जिला अस्पताल पौड़ी भेजा गया।
घटना-सी में ग्राम ननकोट के कच्चे मोटर मार्ग पर गांव से लगभग 50 मीटर आगे बादल फटने की घटना दर्शायी गई जिसके अन्तर्गत पुलिस कन्ट्रोल रूम द्वारा अवगत कराया गया कि समय प्रातः 11:15 बजे ग्राम ननकोट से 50 मीटर पहले कच्चे मोटर मार्ग पर बादल फट गया है जिसमें कि स्टेजिंग एरिया मैनेजर द्वारा समय प्रातः 11:36 बजे घटना स्थल हेतु राहत बचाव दल रवाना किया गया। घटना स्थल के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट न होने के कारण राहत बचाव दल घटना स्थल से पृथक मार्ग पर चला गया जिसके सम्बन्ध में आपदा परिचालन केन्द्र द्वारा डी.सी.आर पौड़ी के माध्यम से सम्बन्धित टीम को घटना स्थल की लोकेशन उपलब्ध करायी गई जिसके उपरान्त समय प्रातः 11:51 बजे टीम घटना स्थल पर पहुंची। टीम द्वारा अवगत कराया गया कि घटना स्थल पर 03 भवन, एवं 01 गौशाला क्षतिग्रस्त होने तथा 04 मवेशियों के दबने की आशंका एवं क्षतिग्रस्त भवनों में 05-07 व्यक्तियों के दबे होने की सम्भावना व्यक्त की गई।
समय प्रातः 11:53 बजे मेडिकल टीम घटना स्थल पर पहुंची एवं उपचार सम्बन्धी कार्य प्रारम्भ किया गया। समय प्रातः 11:53 बजे घटना स्थल से 01 एम्बुलैंस की मांग की गई जिसे स्टेजिंग एरिया द्वारा प्रातः 11:54 बजे रवाना किया गया जो कि समय 11:57 बजे घटना स्थल पर पहुंची। साथ ही घटना स्थल से समय प्रातः 11:57 बजे 02 गैंती, 03 फावड़े, 03 स्ट्रेचर एवं रेस्क्यू टीम हेतु पानी की बोतलों की मांग की गई जो कि स्टेजिंग एरिया द्वारा तत्काल घटना स्थल हेतु भेजे गये। समय 12:04 बजे घटना स्थल पर क्षतिग्रस्त विद्युत लाईन काटी गई। समय अप0 12:26 बजे घटना स्थल से 01 बाॅडी प्राप्त की गई तथा समय 12:40 बजे रैस्क्यू के दौरान 02 बैल, 01 दुधारू गाय एवं 01 बछड़ा मृत पाये गये। समय अप. 12:47 बजे क्षतिग्रस्त भवनों में मलवे की खुदाई के दौरान 02 बाॅडी बरामद की गई। मृतकों के सम्बन्ध में सम्बन्धित तहसीलदार/थानाध्यक्ष द्वारा पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गई। उक्त घटना में 02 व्यक्ति घायल भी हुये जिन्हें कि एम्बुलैंस की मदद से उपचार हेतु जिला चिकित्सालय पौड़ी भेजा गया। समय अप0 12:48 बजे रेस्क्यू समाप्ति की घोषणा की गई तथा समय अप. 1:15 बजे समस्त रेस्क्यू टीमें स्टेजिंग एरिया कण्डोलिया मैदान में वापस पहुंची।