पुरोला।..नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन सिंह नेगी ने राज्य सरकार पर नगर की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नगर की आबादी 40 हजार है, लेकिन बजट सिर्फ आठ हजार आबादी के हिसाब से मिल रहा है। नेगी का आरोप है कि पुरोला के साथ सौतेला व्यवहार होने की वजह से नगर का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
….नगर पंचायत पुरोला में लगभग 40 हजार लोग कर रहे हैं निवास। पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने सरकार पर सौतेला व्यवहार कर नगर निकायों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पंचायत को 2011 की जन गणना के अनुसार बजट मिल रहा है, जिसके कारण विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना में नगर क्षेत्र की कुल जन संख्या 8 हजार के करीब दिखाई गई है, जबकि नगर क्षेत्र में 40 हजार से भी अधिक जनसंख्या निवास कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य वित्त में नगर निकाय को एक साल में मात्र 75 लाख रूपये दिए जा रहे हैं, जिसमें कि 50 लाख रूपये से अधिक की धनराशि कर्मचारियों के वेतन में ही खर्च हो जाती है, लगभग 10 से 12 लाख कार्यालय व्यय, गाड़ियों में पेट्रोल, डीज़ल आदि में खर्च हो जाता है।
पत्रकारों से बातचीत में नेगी ने कहा कि नगर क्षेत्र में डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज सहित दो दर्जन से अधिक विद्यालय स्थापित है, जिनमें करीब 2000 छात्र-छात्रायें अध्यनरत हैं, वहीं नगर क्षेत्र में 25 से अधिक सरकारी कार्यालय हैं, कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के लगभग 5 सौ परिवार भी नगर में निवास करते हैं। पुरोला और मोरी विकास खंड की एक चौथाई जन संख्या भी शिक्षा व अन्य व्यवसाय के लिये नगर क्षेत्र में निवास करती है। सभी को मिलाकर नगर क्षेत्र मेंकरीब 40 हजार से भी अधिक की जनसंख्या निवास कर रही है, जबकि नगर पंचायत को बजट मात्र 8 हजार जनसंख्या पर प्राप्त हो रहा है, जिससे नगर क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा।
नेगी ने कहा कि नगर पंचायत में बस अड्डा, छोटे वाहनों की पार्किंग की समस्या बनी हुई है। सरकार को इस संबंध में कई बार प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन कोई धनराशि स्वीकृत नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के विकास के लिये 30 अस्थाई दुकानों का निर्माण गतिमान है। जबकि बोर्ड बैठकों में बस अड्डा, पार्किंग निर्माण, मल्टी स्टोरी पार्किंग, कामर्शियल काम्लेक्स ड्रेनेज सिस्टम, सभाकक्ष, पुस्तकालय, श्मसान घाटों का निर्माण, सौदर्यकरण, कमल नदी में कृत्रिम झील आदि कार्य करवाये जाने के प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमे धन स्वीकृति हेतु राज्य वित्त आयोग को लगभग 106 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है।