थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिछले चार दिनों से पिंडर घाटी के निचले क्षेत्रों में रुक.रुक हो रही बारिश एवं बुग्याली क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के कारण जहां एक ओर पुनः ठंड बढ़ गई है। लगातार हो रही बरसात के कारण किसानों को रवि की तैयार फसलों को समेटने में खाशी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विपरीत मौसम का प्रभाव इन दिनों हो रही बारातों पर भी पड़ रहा हैं जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते चार दिनों से राज्य के अन्य भागों की तरह ही पिंडर घाटी में भी घाटी क्षेत्रों में रूक.रूक कर लगातार बारिश जारी हैं। इसके साथ ही क्षेत्र के वेदनी, आली, बगजी, नवाली, मिनसिंग, दुलाम, डु़गिया बुग्यालों के साथ ही भैकलताल, झलताल, सुपताल, ब्रहमताल आदि ऊंचाई पर बसें क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हो रही हैं। जिसके कारण क्षेत्र में एक बार पुनः ठंड बढ़ गई है।आम लोगों को ठंड से बचने के लिए बौक्सो़ आलमारियों, दिवानों में बंद गर्म कपड़ों को बहार निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा हैं। एक तरह से बेमौसमी इस बरसात के कारण हालांकि खरीफ की फसलों के लिए बरदान माना जा रहा है। तो वही रवि की पक कर तैयार हो चुकी फसलों के लिए जारी बरसात अभिसाप माना जा रहा हैं।
जानकारों का मानना हैं कि अगर इसी तरह से कुछ और दिन बारिश जारी रही तो रवि की तैयार फसलों पर काफी अधिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता हैं। जिसे लेकर किसानों के चेहरों पर चिन्ता की लकीरें खिंचने लगी हैं। इधर इन दिनों क्षेत्रों में भारी तादाद में बारातों का सिलसिला शुरू हो गया हैं। विपरीत मौसम के चलते बारातों की व्यवस्था में जुटे नागरिकों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं।