चौथे दिन भी शुरू नही हो सका भारत-तिब्बत सीमा की सडक खोलने का कार्य।
फोटो- ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानो पर आवास ब्यवस्था मे जुटे प्रशासन के अधिकारी।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ।
भारत-तिब्बत सीमा की सडक को खोलने का काम चौथे दिन भी शुरू नही हो सका। प्रशासन तीसरे दिन भी वैरंग ही वापस लौटा। हाॅलाकि ग्रामीणो को वर्षात के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानो पर रहने की ब्चवस्था प्रशासन की ओर से कर ली गई है।
देश की अन्र्तराष्ट्रीय सीमा को जोडने वाली एक मात्र सडक जो पिछले चार दिन पूर्व रैणी नामक स्थान पर करीब तीस मीटर घ्वस्त हो गई थी। बीआरओ इस सडक को खोलने के लिए कार्य तक शुरू नही कर पा रहा है। जिसका प्रमुख कारण है कि रैणी वल्ली के ग्रामीण पुर्नवास की मांग पर अडे है। हाॅलाकि प्रशासन की ओर ज्वांइट मििजस्ट्रेट, तहसीलदार व नायब तहसीलदार ग्रामीणों को पूरा भरोसा दिला चुके है कि नियमानुसार प्राथमिकता के अधार पर मुवावजा सहित पुर्नवास से संबधित मांगो पर सहानुभूमि पूर्वक विचार किया जाऐगा। लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नही है।
स्थानीय तहसील प्रशासन ने भूस्खलन से खतरे केी जद मे आने की संभावाना वाले परिवारों को रैणी पल्ली के प्राथमिक स्कूल व माध्यमिक स्कूल मे ब्यवस्था करते हुए नोटिस भी चस्पा कर दिया है, प्रशासन ने दोनो विद्यालयों के कक्षों की सफाई ब्यवस्था कर यहाॅ रजाई-गददो व जरूरी सामान की ब्चवस्था तक करी दी है। इसके अलावा जिलाधिकारी चमोली द्वारा भूगर्भ वेत्ताओ की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया है। उनकी रिपोर्ट भी विस्थापन की कार्यवाही को आगे बढाने मे सहायक सिद्ध हो सकेगी। इतना सबकुछ करने व तीन दिनो से लगातार ग्रामीणों के मान मनोब्ब्बल करने के बाद भी यदि ग्रामीणों की सीमा सुरक्षा के साथ-साथ नीती घाटी के दर्जनो गाॅवांे मे निवासरत नाते-रिश्तेदारों की फिक्र भी नही है, तो समझा जा सकता है कि ग्रामीण अपनी मांग पर किस तरह अडिग है।
लगातार चार दिनो से सडक खोलने की दिशा मे कार्य ही शुरू नही हो पाने से सीमा की ओर जाने वाले सेना, अद्धसैनिक बलो के साथ ही नीती घाटी के ग्रामीणों को भी खासी परेशानी हो गई है। शासन-प्रशासन को सीमा की सुरक्षा व नीती घाटी के ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए यथाशीध्र विवाद को पटाक्षेप करते हुए सडक खोलने का कार्य शुरू कराना चाहिए। हाॅलाकि तीसरे दिन भी तहसीलदार चंन्द्रशेखर वशिष्ठ, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, व राजस्व निरीक्षक बल्लू लाल सहित तहसील प्रशासन की टीम ने पूरे दिन ग्रामीणों से वार्ता कर समझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सडक का कार्य शुरू कराने की दिशा मे कोई हल नही निकल सका। क्योकि नई सडक का एलाइमेंट किए जाने के बाद सडक तैयार होने मे भी तीन से चार दिन और लगेगे वो भी जब मौसम साथ दे।
