कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
कोटद्वार। कर्मभूमि फाउंडेशन उत्तराखंड द्वारा आयोजित एक समारोह में पत्रकारिता और समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु पंडित भैरव दत्त धूलिया तृतीय पत्रकार पुरस्कार समारोह में वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी को तृतीय पंडित भैरव दत्त धूलिया स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।
नगर निगम सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी को मुख्य अतिथि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण एवं कर्मभूमि फाउंडेशन की अध्यक्ष सुमित्रा धूलिया द्वारा शॉल एवं प्रशस्ति-पत्र के साथ ही पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये का चैक प्रदान किया गया। इससे पूर्व हिंदी फिल्म उद्योग के जाने-माने निर्माता एवं निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने श्री पहाड़ी के सम्मान में प्रशस्ति-पत्र को बांचा।
इस अवसर पर समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य जन का स्वागत करते हुए कर्मभूमि फाउंडेशन के सचिव कैप्टन (भारतीय नौसेना) हिमांशु धूलिया ने बताया कि आज पंडित धूलिया की 125वीं जयंती है। उन्होंने पंडित धूलिया द्वारा भारत की आजादी की लड़ाई में निभाई गई अग्रणी भूमिका के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। पहाड़ी की कुछ ऐतिहासिक गतिविधियों का वर्णन करने के बाद कैप्टन धूलिया ने कहा कि पुरस्कार चयन समिति ने उत्तराखंड में पत्रकारिता और जनसेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के कारण वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी को इस वर्ष के पुरस्कार के लिए सर्वसम्मति से चुना गया है।
दीप प्रज्ज्वलन के बाद अजीत सिंह शान ने उत्तराखंड पर अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से पहाड़ का दर्द उकेरा।
इस अवसर पर बोलते हुए विपिन उनियाल ने कहा कि वर्तमान में मीडिया जगत कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया कि पंडित धूलिया एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे, जिन्होंने सामाजिक अन्याय के आधार पर विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। डॉ० योगेश धस्माना ने बताया कि कैसे असहयोग आंदोलन के दौरान पंडित भैरव दत्त धूलिया ने यह रुख अपनाया कि आंदोलन क्षेत्रीय आधार पर होगा। वरिष्ठ पत्रकार प्रभात डबराल ने पंडित धूलिया के साथ छात्र नेता के रूप में अपनी बातचीत के बारे में बताया और बताया कि कैसे वे दूसरों के दृष्टिकोण का सम्मान करने की सलाह देने में धैर्य रखते थे।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने प्रशस्ति पत्र पढ़ा, जिसके आधार पर पत्रकार रमेश पहाड़ी को पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार के लिए चुना गया। श्री पहाड़ी 1977 से 2017 तक संपादक रहे और चिपको आंदोलन, महिला सशक्तिकरण में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। श्री रमेश पहाड़ी ने पुरस्कार प्रदान के लिए फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया और बताया कि कैसे पत्रकारिता में उनका कैरियर लगभग उन पर थोपा गया था और कैसे एक पूछताछ काउंटर पर हुई घटना ने उन्हें पहाड़ों में ही रहने और पत्रकार के रूप में आगे बढ़ने का फैसला करने पर मजबूर किया। मुख्य अतिथि श्रीमती रितु खंडूड़ी भूषण ने निर्भीक पत्रकारों के लिए पुरस्कार शुरू करने के लिए कर्मभूमि फाउंडेशन को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सभी को अतीत के जनसरोकारों से जुड़े पत्रकारों के जीवन से प्रेरणा लेकर जनहितार्थ कार्य करने होंगे। उन्होंने अतीत की भावना को स्कूली बच्चों और पूरे समाज तक ले जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने देश को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा बलों को धन्यवाद देते हुए अपनी बात समाप्त की। कर्मभूमि फाउंडेशन की अध्यक्षा सुमित्रा धूलिया ने कार्यक्रम को सफल बनाने और समारोह की व्यवस्था करने में सहयोग करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया।
इस समारोह में विपिन उनियाल, तिग्मांशु धुलिया, योगेश पांथरी, डॉ० योगेश धस्माना, प्रभात डबराल, अच्युत कुमार (Gp Capt.) सहित सैन्य क्षेत्र के अनेक प्रतिष्ठित गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन हिमांशु धूलिया ने किया।