राम वनवास पर नेत्रों में छलक आए आंसू
जौरासी रामलीलाः दशरथ के दमदार अभिनय ने दर्शकों पर छोड़ी छाप
जौरासी। जौरासी में चल रही रामलीला के पांचवें दिन राम वनवास का मंचन किया गया। रामलीला मंचन के इस भावुक कर देने वाले क्षणों में दशरथ, वक्ता मैनेजर समेत दर्शकों के आंखों में आंसू छलक आए। राजा दशरथ के दमदार अभिनय ने भी दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।
जौरासी में मंचित की जा रही रामलीला में मंचन का पांचवां दिन था। मंच पर ही पर्दा लगाकर राम, लक्ष्मण, सीता के राजशी वस्त्रों का त्याग कर साधु भेष दिया गया। इस दौरान दशरथ विलाप के दृश्य ने लोगों को भावुक कर दिया। राम, लक्ष्मण, सीता को राजशी वस्त्र त्याग कर साधु भेष में देखकर भी लोग भावुक हो उठे। वक्ता मैनेजर लीलाधर उप्रेती की आंखों में आंसू छलकने लगे। दशरथ-सुमंत संवाद के दौरान दशरथ भी रोने लगे। वास्तव में रोते हुए किया गया यह अभिनय लोगों के दिलों में गहराई तक पैंठ गया।
गौरतलब है कि दशरथ का अभिनय कर रहे लीमा निवासी जगत सिंह पिछले 49 वर्षों से लगातार दशरथ के पात्र को जीवंत कर रहे हैं। वह जौरासी में ही नहीं बाजानी, हरड़कट्या और चर्मा में भी होने वाली रामलीलाओं में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। उन्हें इन स्थानों पर होने वाली रामलीलाओं में दशरथ का अभिनय करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। क्षेत्र के लोग कई बार उन्हें दशरथ के नाम से ही संबोधित करते हैं।
मन को झकझोर देने वाला अभिनय और श्री राम पर अपनी गहरी आस्था रखने वाले सनातन धर्म के अनुयाइयों के लिए यह क्षण वास्तव में भावुक करने वाला था। हालांकि जौरासी जैसे उच्च स्थान पर राम को ठंडक काफी बढ़ गई है। इसके बावजूद गंभीर दर्शक यहां पहुंचकर रामलीला का आनंद ले रहे हैं।