फोटो- रैणी वल्ली के पास क्षतिग्रस्त मोटर मार्ग।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भूस्खलन प्रभावित रैणी गाॅव के ग्रामीण सडक के 40 मीटर भूमि देने के साथ ही वर्षात तक किसी सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने की शर्त पर भूमि कटान के लिए राजी हुए। बीआरओ ने ली राहत की साॅस।
बीआरओ आपदा प्रभावित रैणी मे निर्मित वैली ब्रिज को बचाने की कवायद मे जुटी ही थी कि बीती रात्रि को मूसलाधार बारिश व ऋषि गंगा तथा धौली के ऊफान ने रैणी वल्ली के पास करीब तीस मीटर सडक को ही पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। सडक ऐसे स्थान पर ध्वस्त हुई है कि वहाॅ पर ऊपर की ओर विना भूमि कटाव के सडक का निर्माण नही किया जा सकता था। बीआरओ ने तत्काल इसकी सूचना जिलाधिकारी को देते हुए तहसील प्रशासन को मौके पर भेजकर ग्रामीणों से वार्ता कराने का आग्रह किया। जिस पर तहसीलदार चन्द्रशेखर बशिष्ठ ने मौके पर पंहुचकर ग्रामीणों व बीआरओ का पक्ष जाना। मौके पर सडक खोलने का और कोई विकल्प नही होने पर ग्रामीणों ने सुरक्षात्मक ढंग से भूमि कटाव तथा वर्षात तक गाॅव को सुरक्षित स्थान पर पुर्नवासित किए जाने की मांग रखी। जिस पर विचार करते हुए उचित आश्वासन दिया गया।
दरसअल जिस स्थान पर ऊपर की ओर करीब चालीस मीटर भूमि का कटाव होना वह स्थान पर चिपको नेत्री गौरा देवी का म्ूयजियम, लाइब्रेरी व मूर्ति स्थापना की गई है। हाॅलाकि वहाॅ तक भूस्खलन की दरारे पडी हैं। यही नही रैणी वल्ली गाॅव जो चिपको नेेत्री गौरा देवी का गाॅव जहाॅ करीब साठ परिवार निवासरत है। 7फरवरी की भीषण आपदा के बाद इस गाॅव के मकानो व खेतो मे निरन्तर दरारे पड रही जो किसी बडे भूस्खलन की ओर संकेत कर रही है। भयभीत ग्रामीण हल्की वारीश मे भी डरे सहमे रहते है। इसीलिए उन्होने कम से कम वर्षात के सीजन तक उन्है सुरक्षित स्थान पर पुर्नवासित किए जाने की मंाग प्रशासन के सम्मूुख रखी।
मौके से लौटकर तहसीलदार चंन्द्रशेखर बशिष्ठ ने बताया कि ग्रामीणों से सकारात्मक वार्ता हो गई है। उनकी मांगो से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। उक्त स्थान पर नई सडक की कटिंग का कार्य देर रात्रि से ही शुरू हो जाऐगा।