रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य मे भारत की पौराणिक भाषा को जीवित रखने ओर उसका जन जनतक प्रचार.प्रसार कराने को लेकर बनी राज्य समिति का सभापति नियुक्ति किया गया है।
आपको बता दे कि जनपद रुद्रप्रयाग के मूल निवासी एंव रुद्रप्रयाग विधानसभा से लगातार दूसरी बार भारी बहुमतो से जीत हासिल करके राज्य की विधानसभा मे संस्कृत भाषा मे शपथ लेने वाले अकेले विधायक है।
वहीं विधायक भरत सिंह चौधरी का बचपन बहुत ही ग़रीबी हालातों से गुजरा है। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा गॉँव के ही स्कूल से हुई है। धीरे धीरे उन्होंने अपनी मेहनत, लगन से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। जब उनके पिता भारतीय सेना नौकरी करने लगे तो उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा डीएबी कॉलेज देहरादून से प्राप्त की, उसके बाद उन्होंने लॉ की शिक्षा ली।
भरत सिंह चौधरी संस्कृत के साथ साथ अंग्रेजी के भी प्रखर ज्ञाता हैं, उन्हें 4 भाषाओ का मास्टर कहा जाता है। जो कि एक गाँव बेटे में ही देखने को मिलता है।
विधायक चौधरी बताते हैँ कि उनका बचपन से शौक सेना मे जाने का रहा। और सेना में भर्ती होने के बाद किन्ही कारणों से उन्हें बहुत कम समय में सेना छोड़नी पड़ी। उसके बाद उनका सफ़र, सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुडा, लम्बे राजनैतिक संघर्षो के उतार.चढ़ाव के बाद 2017 में उन्हें बीजेपी ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से टिकट दिया और वे जनता के प्रचण्ड आशीर्वाद से पहली बार विधानसभा पहुँचे। इससे पहले कभी भी रुद्रप्रयाग का स्थाई निवासी विधायक नहीं रहा। सब पैरासूट/अन्य जिलों के ही विधायक रहे।
2017 मे विधायक बनने के बाद उन्होंने लगातार क्षेत्रों मे रहकर कार्य कियेएअपनी पहले पंच वर्षीय कार्यकाल मे उनके द्वारा किये गये ऐतिहासिक विकास कार्यों को देखते हुए जनता ने उन्हें दुबारा 2022 में भारी मतों से विजयी दिलाई।
विधायक बनने के बाद दोनों बार उन्होंने विधानसभा मे अपना शपथ ग्रहण भी संस्कृत भाषा में पढ़ा। उनकी संस्कृत ज्ञान को देखते हुए सरकार ने उन्हें संस्कृत भाषा प्रोत्साहन समिति का सभापति बना दिया। वहीं क्षेत्र की जनता उन्हें लगातार बधाई दे रही है।