सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
आजकल जनपद रुद्रप्रयाग के विभिन्न गाँवों में पांडव नृत्य चल रहे हैं, तो वहीं जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत दरमोला भरदार में चल रहे पांडव नृत्य में बाणों का कौथिग आकर्षण का केन्द्र रहा।
इस अवसर पर दूर.दराज क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों ने भगवान बद्रीविशाल एवं शंकरनाथ देवता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। आगामी 3 दिसम्बर को प्रसाद वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा।
गत 14 नवम्बर यानी एकादशी पर्व पर अलकनंदा.मंदाकिनी संगम स्थल गंगा स्नान के साथ ग्राम पंचायत दरमोला में पांडव नृत्य की शुरुआत हुई थी। रविवार को सुबह ग्रामीणों ने पूरी प्रसाद एवं खीर बनाकर भगवान बद्री विशाल एवं अन्य देवताओं को इसका भोग लगाया। पुजारी ने पांडव के अस्त्र.शस्त्रों के साथ देव निशानों की विशेष पूजा.अर्चना कर आरती की। इसके बाद चारों दिशाओं की पूजा व देवताओं का आह्वान किया गया। पांडव पश्वों ने नृत्य करने वाले स्थान के चारों कोने की पूजा.अर्चना की। जिसके बाद ढोल सागर की ताल पर देवता अवतरित होने के बाद पुजारी ने पांडवों को उनके बाण एवं अन्य अस्त्र.शस्त्र दिए। तथा पांडवों ने ढोल.दमाऊ की थाप पर अस्त्र.शस्त्रों के नृत्य शुरु किया। जो दूर.दराज क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
बाणों के कौथिग का नृत्य लगभग दो घंटे तक चलता रहा।अंत में बद्रीविशाल को लगाए गए भोग को भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। पांडव नृत्य देखने के लिए प्रतिदिन दरमोलाए तरवाडी, स्वीली, सेम, डुंग्री, जवाड़ी, मेदनपुर, रौठिया समेत कई दूर.दराज क्षेत्रों से ग्रामीण पहुंच रहे है। इससे पूर्व उपस्थित सैकडों भक्तों ने भगवान बद्रीनाथ एवं शंकरनाथ देवता को भेंट लगाकर दर्शन किए तथा अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी की। पांडव नृत्य समिति दरमोला के अध्यक्ष जसपाल सिंह पंवार ने बताया कि 1 दिसम्बर को नौगरी का कौथिगए 2 दिसम्बर को गेंडे का कौथिग व सिरोता एवं 3 दिसम्बर को नारायण के फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को पांडव नृत्य में पहुंचने की अपील की है।
इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र कप्रवान, पुजारी कीर्तिराम डिमरी, विक्रम सिंह पंवार, दान सिंह, एनएस कप्रवान, त्रिलोक सिंह, हुकम सिंह, राकेश पंवार, विजय सिंह, सोबत सिंह, मंगल सिंह, सुजान सिंह समेत कई बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।