फोटो-1-नृत्य द्वारा रामलीली मंचन की अनूठी पंरपरा को प्रदर्शित करते स्कूली बच्चे।
02-दीप प्रज्जवलित करते हुए मुख्य अतिथि डा0 सचिदानंद जोशी।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र दिल्ली के सदस्य सचिव डा0 सचिदानंद जोशी ने कहा कि पैनखंडा की रम्माण की धरती सलूड-डुंग्रा गाॅव को पर्यटन व संस्कृति ग्राम घोषित कराने के हरसभंव प्रसास कला केन्द्र की ओर से किए जाएंगे। उन्होंने सलूड-डुंग्रा की युवा पीढी को रम्माण के सरंक्षण व संबर्धन के लिए निंरतर कार्य करने का आवहान किया।
’’’’’’’’’’’ स्कूली छात्र-छात्राआंे द्वारा रम्माण के दृष्यों के मंचन को देख अभिभूत हुए कला केन्द्र के अधिकारी ।
रम्माण को विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित कराने मे अहम किरदार निभाने वाली संस्था इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र दिल्ली की टीम के साथ सलूड-डुंग्रा पंहुचे सदस्य सचिव डा0 जोशी ने कहा कि पैनखंडा की रम्माण को विश्व स्तर पर पंहुचाने मे इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र का अवश्य सहयोग रहा लेकिन रम्माण को विश्व स्तर पर पंहुचने मे गाॅव के ही युवा डा0कुशल भ्ंाडारी के कुशल नेतृत्व मे युवावों की टीम की सबसे अहम भूमिका है। उन्होने कहा कि रम्माण विश्व संास्कृतिक धरोहर तो घोषित हो गई और साथ ही गणतंत्र दिवस सहित अनके राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय आयोजनों मे भी शामिल हो चुकी है। लेकिन रम्माण से रोजगार कैसे मिले इस अहम विषय पर ही चर्चा की जानी हैं। और कला केन्द्र की टीम इसी उदेश्य से यहाॅ भ्रमण पर है ताकि ग्राम वासियों के सुझावो के अनुसार आगे की काय्र्रवाही की जा सके।
डा0 जोशी ने कहा बदरीनाथ यात्रा मार्ग के नजदीक रम्माण की धरती सलूड-डुंग्रा को पर्यटन व सांस्कृतिक गाॅव घोषित कराने के लिए कला केन्द्र की ओर से हरसभवं प्रयास किए जाऐगे। उन्होने रम्माण पर निरंतर कार्य करने के लिए इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की ओर से दो वर्ष के लिए फुल टाइम शोधार्थी दिए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि वह शोधार्थी रम्माण को आगे बढाने मे क्या-क्या किया जा सकता है उसके लिए डा0कुशल भंडारी का सहयोगे करेगे।
इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की परियोजना निदेशक प्रो0मौली कौशल ने कहा रम्माण रोजगार के साथ कैसे जुडे इसके लिए गाॅव के युवावों को आगे आना होगा, लकडी के मुखौटे, खिलोने, कठपुतली तथा ऊनी वस्त्रों को तैयार कर इससे भी रोजगार के अवसर प्राप्त किए जा सकते है। लेकिन इसके लिए जरूरत है रम्माण की धरती सलूड-डुंग्रा गाॅव को सांस्कृतिक एवं पर्यटन गाॅव घोषित करने व रम्माण मंदिर के ब्यापक प्रचार-प्रसार की। प्रो0 कौशल ने कहा कि जिस प्रकार बदरीनाथ जाने वाले यात्री जोशीमठ के नृंिसह मंदिर मे भी अवश्य जाते है उसी प्रकार बदरीनाथ मार्ग के नजदीक रम्माण की धरती सलूड-डंुग्रा भी पर्यटक आऐगे। और लोगो को रोजगार के साधन उपलब्ध होगे। उन्होने स्कूली बच्चो द्वारा रम्माण की शानदार प्रस्तुति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बचपन से ही रम्माण के प्रति लगाव होने से ही रम्माण की संस्कृति को जीवित रखा जा सकता है।
इससे पूर्व विश्व संास्कृतिक धरोहर रम्माण के समन्वयक डा0कुशल भंडारी ने सलूड-डंुग्रा की रम्माण को गाॅव की चैखट से इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र दिल्ली व बाद मे विश्व पटल पर पंहुचने की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि रम्माण आज जिस मुकाम पर है उसका पूरा श्रेय इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र को ही जाता है। उनका सहयोग मात्र इतना है कि रम्माण की टीम को जहाॅ बुलाया गया वे टीम के साथ वहाॅ पंहुचे तथा जो दस्तावेज मांगे गए उसे उपलब्ध कराए गए। डा0 भंडारी ने इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र की पूरी टीम का ग्रामीणों की ओर से स्वागत किया।
जगदीश चैहान के संचालन मे हुए इस स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए जोशीमठ नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार ने आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ के पौराणिक ज्योर्तिमठ शिवालय के पास हजारो साल पुराना अमल कल्प वृक्ष है जिसके सवंर्धन व संरक्षण की आवश्यकता है। साथ ही बदरीनाथ यात्रा से पूर्व गरूड छाड मेले का आयोजन किया जाता है। इन दोनो धरोहरो को संरक्षण व संबर्धन इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के माध्यम से किए जाने का आग्रह किया।
स्वागत समारोह को क्षेत्र प्रमुख प्रकाश रावत व इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के परियोजना समन्वयक डा0रमाकर पंत ने भी संबोधित किया। कला केन्द्र की लक्ष्मी रावत ने रम्माण को आगे बढाने मे ढोल वादको व जागरवेत्ताओ के अहम योगदान की जानकारी देते हुए सदस्य सचिव के हाथों सभी ढोल वादको व जागर वेत्ताओ को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
इससे पूर्व पैनंखडा इंण्टर कालेज प्रांगण मे पहुचे टीम का माल्यापर्ण कर बाजे गाजो के साथ स्वागत किया गया। सदस्य सचिव डा0 जोशी व आंगतुक अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन व पुष्पार्चन के बाद कार्यक्रम का शुंभारभ हुआ। सलूड के प्रधान भजन लाल, डुग्रंा की प्रधान आशा देवी, पैनख्ंाडा इंण्टर कालेज के प्रधानाचार्य चंदन ंिसह जदौडा, विद्यालय के प्रबंधक भगत सिंह, महाबीर सिंह भंडारी, भरत सिह भडंारी, कुलदीप चैहान, दिगबंर विष्ट के अलावा गाॅव के सभी प्रमुख ब्यक्तियों द्वारा अतिथियों का माल्यापर्ण व अंगवस्त भेट किए गए।
इस मौके पर छात्र-छात्राओ ने रम्माण के अनेक दृष्यों की शानदार प्रस्तुतियाॅ प्रस्तुत की ।
स्वागत समारोह व रम्माण की प्रस्तुति के उपंरात इंदिरा गाॅधी राष्ट्रीय कला केन्द की टीम ने रम्माण मेला स्थल पर निर्मित मंदिर व कला केन्द्र के माध्यम से उपलब्ध कराई गई सभी सामग्रियों का निरीक्षण किया।