गोपेश्वर। वनपंचायत सरपंच संघ चमोली के द्वारा आज जिला मुख्यालय चमोली के गोपेश्वर में धरना प्रदर्शन किया गया ।
सरपंच संघ जोशीमठ लंबे समय से नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ में विभागीय कार्यों में ठेकेदारी प्रथा एवं काम की गुणवत्ता खराब होने कमीशन खोरी के खिलाफ लंबे समय से लामबंद हुए हैं। लगातार आंदोलन कर रहे हैं, जोशीमठ में चल रहे आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए जिला मुख्यालय जा पहुंचा। जहां अलग.अलग ब्लॉकों से आये सरपंचों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग के संबंध में जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन प्रेषित किया।
सरपंचों की मांग सरकार के द्वारा वन पंचायत क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए काटे जाने वाले पेडों एवं अधिकृत वन भूमि के बदले दी जाने वाली रॉयल्टी लंबे समय से सरकार वन पंचायतों के खाते में नहीं डाल रही है। साथ ही वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कोई भी कार्रवाई जिले स्तर पर नहीं हो रही है। सरपंचों की मांग है कि ग्राम प्रधानों की भांति वन पंचायत सरपंचों को भी मानदेय की व्यवस्था होनी चाहिए। वन पंचायत क्षेत्र में होने वाले सभी कामों को वन पंचायतों के द्वारा कराया जाना चाहिए। जिला स्तर पर वन पंचायत नियमावली में प्रावधान किया गया था कि जिला स्तर पर एक परामर्शदात्री समिति का गठन किया जाएगा, किंतु सरकार ने 21 वर्षों के अंतराल में कभी भी इस समिति का गठन नहीं किया।
प्रदेश स्तर पर परामर्श दात्री समिति मेें वन पंचायतों के लोग जाने चाहिए। वन पंचायत सरपंचों ने सरकार के द्वारा वन पंचायत नियमावली 2005 वर्ष 2006 का भी विरोध किया कि सरकार ने वन पंचायतों को वन विभाग के हवाले कर दिए हैं वन पंचायत सरपंच आज के समय में गांव में गिरी पड़ी लकड़ी तक दे नहीं सकता है सरपंच संघ ने कहां है कि वन पंचायत नियमावली 1931 की धारा 27 के तहत पुनः बहाल होनी चाहिए आज के दिए ज्ञापन में धीरेंद्र सिंह गरूडियावन पंचायत सरपंच संघ चमोली, विनोद प्रसाद तिवारी अध्यक्ष बन पंचायत सरपंच संघ चमोली, महेंद्र सिंह उपाध्यक्ष वन पंचायत सरपंच संघ चमोली, बहादुर सिंह रावत अध्यक्ष बन अधिकार समिति चमोली सहित कई सरपंचों ज्ञापन में हस्ताक्षर हैं। सरपंचों ने बताया कि 20 दिसंबर 2021 को जोशीमठ में अपनी मांगों को लेकर एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट