कुलदीप चाौहान
पूर्व कांग्रेस सांसद व दिग्गज नेता कैप्टन सतीश शर्मा का 73 वर्ष की आयु में गोवा में बुधवार को निधन हो गया। कैप्टन सतीश शर्मा की मौत से राम शरण नौटियाल को गहरा धक्का लगा है।
देहरादून के पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष एवं बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता श्री नौटियाल की गिनती कैप्टन सतीश शर्मा के बेहद करीबी लोगों में होती है। दोनों परिवारों के बीच दशकों से चला आ रहा नज़दीकी रिश्ता किसी से छिपा नहीं है। कैप्टन सतीश शर्मा के अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली गए राम शरण नौटियाल ने दूरभाष पर बताया कि दिल्ली के लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर कैप्टन शर्मा का अंतिम संस्कार कर दिया गया है एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कैप्टन शर्मा के पुत्र समीर शर्मा द्वारा उनके शव को अंतिम कंधा दिया गया।
श्री नौटियाल भावुक होकर कहते हैं कि. मैंने आज अपना मार्गदर्शक खो दिया है। कैप्टन शर्मा उदार व्यक्ति होने के साथ साथ खुद्दार एवं हमेशा अपने लोगों के सुख दुःख में साथ खड़े होने वाले लोगों में थे। कैप्टन शर्मा अब शारीरिक तौर पर हमारे बीच ज़िंदा तो नही हैं, लेकिन उनकी दी हुई प्रेरणा और पाठ हमेशा मेरे दिल में जिंदा रहेगा।
कैप्टन सतीश शर्मा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता था। कैप्टन शर्मा नरसिम्हा राव की सरकार में 1993-1996 तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री थे। आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में 11 अक्तूबर, 1947 में जन्मे कैप्टन शर्मा ने 1991 में राजीव गांधी के निधन के बाद अमेठी से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया।
कैप्टन सतीश शर्मा पेशे से एक कमर्शियल पायलट थे। कैप्टन सतीश शर्मा रायबरेली और अमेठी निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके थे और तीन बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे। सतीश शर्मा तीन बार राज्यसभा सदस्य भी बने और उन्होंने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।
साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सतीश शर्मा को अमेठी से चुनाव में उतारा गया था और वहां से उन्होंने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। 1996 में वह अमेठी से फिर सांसद बने लेकिन 1998 में संजय सिंह से हार गए। 2004 में राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की वजह से उन्होंने सीट त्याग दी और सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा। हालांकि सतीश शर्मा यहां भी हार गए थे।












