मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में आठवीं कक्षा तक के सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए भी निःशुल्क स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराई जायेगी। अभी तक आरक्षित वर्गों के छात्र-छात्राओं व सामान्य वर्ग की छात्राओं के लिए स्कूल ड्रेस सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से भी स्कूल ड्रेस बनाये जा सकते हैं, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये स्कूलों में शिक्षा का स्वस्थ वातावरण बना रहे, इसके लिए समय-समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जाय। शिक्षण कार्यों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाले अध्यापकों को प्रोत्साहित किया जाय। स्कूलों में बायोमेट्रिक उपस्थिति के लिए निगरानी तंत्र विकसित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा ई-लर्निंग सीडी का भी विमोचन किया। इसके तहत कक्षा तीन से आठवीं तक के बच्चों को संस्कृत की कविताएं याद करवाई जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जो प्राथमिक एवं जूनियर स्कूल बच्चों के अभाव एवं क्लबिंग से खाली हुए हैं, उनके स्थान व कक्षों की उपलब्धता व वर्तमान स्थिति का पूरा ब्योरा दिया जाय। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से प्रत्येक ब्लाॅक में एक केन्द्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव मिला इसके लिए भूमि की उपलब्धता की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्यार्थियों को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही व्यक्तित्व विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियां कराई जाय, ताकि बच्चे अपनी बात को बिना किसी संकोच के रख सकें। मुख्यमंत्री ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को किताबों के लिए उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि के सदुपयोग की सतत निगरानी के भी निर्देश दिये हैं।
बैठक में शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम्, माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री आर.के कुंवर व शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।