
फोटो—-
01-परियोजना प्रभावित सेलंग मंे निर्मित होटल जिसके नीचे भारी भूस्खलन हुआ ।
02-होटल के निचले हिस्से की भूमि पर भी दरारें पडी।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। एडिट टनल के ठीक ऊपर चटटान टूटने से होटल व दुकानंे खतरे की जद में आ गए हैं। सेलंग मंे बदरीनाथ हाई-वे तक दरारें पडी हुई हैं, सेलंग गाॅव पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना निर्माण के लिए सेलंग गाॅव के ठीक नीचे से एक एडिट टनल का निर्माण किया गया है,इस टनल को टीबीएम मशीन के मदद से तैयार किया गया, लेकिन अब इस टनल के ऊपर बसे गाॅवो व कस्बो का भी खतरा बढने लगा है। रविबार रात्रि को इस एडिट टनल के स्टाटर्टिगं प्वाइंट-पोर्टल के ठीक ऊपर से एक मजबूत चटटान दरकने से एडिट टनल का प्रवेश द्वारा का काफी हिस्सा तो क्षतिग्रस्त हुआ ही, एडिट टनल के ऊपर बदरीनाथ हाई-वे पर अपनी भूमि पर परियोजना प्रभावित काश्तकार उदय ंिसंह फरस्वाणं द्वारा बनाया गया होटल भी पूरी तरह से खतरे की जद मे आ गया है।
उदय सिंह ने परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई भूमि से अर्जित धनराशि व जीवनभर की कमाई इस होटल के निर्माण मंे लगाई थी, लेकिन 16कमरे के इस होटल जिसमे रेस्टोरेन्ट, हाॅल व दुकाने भी मौजूद थी, सब एक झटके पर जमीदोज होने की कगार पर पंहुच गए है। होटल के पिछली तरफ के पिल्लर भूस्खलन के बाद हवा मे झूल रहे है, वही होटल के आगे व पीछे की ओर जमीन मे भी दरारें पड गई है, यहाॅ तक बदरीनाथ हाईवे तक भी दरारे दिख रही है। ऐसे मंे होटल का सुरक्षित रहना नामुमकिन ही है।
गौरतलब है कि एनटीपीसी द्वारा निर्माणाधीन 520मेगावाट की यह परियोजना सुरंग आधारित परियोजना है, तपोवन से पैनी-अणीमठ तक करीब 12किमी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है, और इस 12किमी0सुरंग के ऊपर करीब 6गा्रम पंचायतों के साथ ही एक नगरपालिका जोशीमठ विद्यमान है। अभी एडिट टनल के ऊपर चटटानो के दरकने व भूस्खलन की शुरूवात सेलंग से हुई है, भविष्य मे सुरंग के ऊपर की बसावट कितनी सुरक्षित रह पाएंेगी यह तो समय ही बताएंगा। लेकिन सेलंग मे मजबूत चटटान के दरकने के बाद हुए भारी नुकसान ने तपोवन से लेकर पैनी-अणीमठ तक के लोगो को सोचने पर विवश कर ही दिया है।
हाॅलाकि देश मंे बाढ व भूस्खलन की कई घटनाएॅ वहाॅ भी घटित हो रही है जहाॅ हाइड्रो प्रोजेक्ट नही है, लेकिन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना निर्माण शुरू होने के बाद कई प्रकार की प्राकृतिक आपदांए झेल चुका है,और वैराज साइट मे तो सैकडो लोगों को जान भी गवाॅनी पडी। यहाॅ यह भी उल्लेखनीय है कि जोशीमठ क्षेत्र मे ही जेपी पावर बैंचर द्वारा भी सुरंग आधारित विष्णुप्रयाग परियोजना का निर्माण किया गया, इस परियोजना मे लामबगड से लेकर मारवाडी तक सुरंग के ऊपर सिर्फ एक गाॅव चाॅई की बसावट है और चाॅई गाॅव मे भी सुरंग के कारण भू-धसाॅव हुआ था, और कई ग्रामीणों को अन्यत्र विस्थापित किया था। लेकिन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना के निर्माणाधीन सुरंग के ऊपर तो सीमान्त पैनख्ंाण्डा जोशीमठ के आधा दर्जन से अधिक गाॅव व एक नगर पालिका क्षेत्र की बसावट है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि सेलंग की इस ताजा घटना के बाद एनटीपीसी व सरकार इस परियोजना का विषय विशेषज्ञों से पुनः अध्ययन कराएंगी ताकि पैनखंण्डा के हजारों लोगों के जान माल को समय रहते बचाया जा सके।